26 जुलाई तक चार करोड़ कांवड़ उमड़ने का अनुमान।
पंचक के बाद से और बढ़ी रही कांवड़ की भीड़।
उत्तराखण्ड लाइव: कोरोना के चलते दो वर्ष तक बंद रही कांवड़ यात्रा इस बार अपने पूरे चरम पर नजर आ रही है। यही कारण है कि इस बार जानकारों के मुताबिक उत्तराखण्ड में आगामी 26 जुलाई तक करीब चार करोड़ शिवभक्त यानि कांवड़ियों के आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं पंचक समाप्ति के बाद से कांवड़ की भीड़ धीरे—धीरे जोर पकड़ने लगी है। वहीं इस बार महिलाओं की संख्या भी अधिक नजर आ रही।
पुलिस प्रशासन द्वारा कांवड़ियों को मूलभूत सुविधा, स्वच्छ पेयजल, मेडिकल, पथ प्रकाश आदि मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा संबंधित अधिकारी कांवड़ मेला क्षेत्र में भ्रमण भी कर रहे हैं।
लाइट से जगमग कांवड़ और झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र
इन दिनों डाक कांवड़ और बड़ी कांवड़ के दस्तक देने से धर्मनगरी में रात के समय अलग ही नजारा है। लाइट से जगमग बड़ी कांवड़ और झांकियां मेले में आए शिवभक्तों और स्थानीय निवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। दरअसल हरिद्वार और ऋषिकेश वालों को दो साल बाद यह मनमोहक नजारा देखने को मिल रहा है। नहर पटरी से लेकर हाइवे तक बम-बम, बोल बम के जयकारे सुनाई पड़ रहे हैं।
हरियाणा, दिल्ली सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में शिवभक्त जत्थों के रूप में गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं। अलग-अलग निजी कांवड़ उठाने के बजाय वह सामूहिक रूप से बड़ी कांवड़ लेकर जाते हैं। कुछ ग्रुप अपने साथ झांकियां लेकर आते हैं। भोले शंकर, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान राम की प्रतिमाओं वाली झांकियों के हरिद्वार पहुंचने का क्रम शुरू हो गया है।
मोबाइल से फोटो वीडियो बना रहे लोग : स्थानीय लोग इन दिनों कांवड़ियों की मनमोहक झांकियों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए सड़कों पर पहुंच रहे हैं। जहॉ उन्हें नजर आ रहे हैं लाइट से जगमग बड़ी—बड़ी कांवड़ और सड़क पर लोट—लोट कर शिवधाम जाते कांवड़िए।