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कैनन के आधुनिक फीचर से रूबरू हुए छायाकार।


बड़ासी ग्रांट के पठाल हाउस में हुई कार्यशाला।
कार्यशाला में विभिन्न जिलों व शहर के 40 छायाकार हुए शामिल।
आशीष लखेड़ा/उत्तराखण्ड लाइव:  बडासी ग्रांट रायपुर देहरादून स्थित पठाल होम स्टे में आयोजित एक दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला में प्रतिभागियों को कैनन कंपनी के विशेषज्ञों की ओर से कैमरे से जुड़ी तकनीकी बारीकियों को समझाया गया। इस दौरान प्रयोगात्मक सत्र में छायाकारों द्वारा बड़ासी गांव की रोजमर्रा की जिंदगी को कैमरे में उतारा।

शनिवार को ऋषिकेश फोटोग्राफी क्लब देहरादून फोटोग्राफी क्लब के बैनर तले बडासी ग्रांट रायपुर स्थित “पठाल”  हाउस में कैनन की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसका शुभारम्भ पठाल स्वामी मेजर गोर्की चंदोला द्वारा प्रतिभागी छायाकारों व कैनन

विशेषज्ञों का स्वागत कर किया गया।

​कार्याशाला में कैनन कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ चित्रांश सक्सेना” व उनकी टीम द्वारा फोटोग्राफी कैमरा सेटिंग्स,फोकस और ऑटोफोकस,कंपोजीशन,प्रकाश तकनीक, प्राइम लेंस,जूम लेंस और वाइड-एंगल लेंस के फायदे और नुकसान,पोस्ट प्रोसेसिंग,ISO, शटर स्पीड और अपर्चर सहित विभिन्न कैमरो तकनीक की जानकारी दी गई। इस दौरान कार्यशाला में पहुंचे विशेषज्ञ छायाकारों ने बडासी गांव की झल्कियों को अपने कैमरे में कैद किया। कार्यशाला में लगभग 40 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर भूमेश भारती,उमाशंकर बहुगुणा,शुभम ओमर,कुनाल जैसवाल, ओम भारद्वाज, कृष्णा ठाकुर, भास्कर पंत,शुभम भट्ट, सागर ठाकुर, पंकज, सुनील कुमार, चन्द्रशेखर चौहान, सूरज सिंह,आयुष बिजल्वाण,गोविंद नेगी, मुक्ता जोशी,सीमा उनियाल, अनिरूद्ध, सौरभ भारद्वाज, कुनाल,पारूल सिंह,राकेश,संजीव थापा, पियुष बिष्ट,संजय कुमार,उज्जवल रस्तोगी, अनुराधा सिंह व आशीष आदि उपस्थित रहे।

रीजनल फोटोग्राफी स्थापना पर मंथन: इस दौरान समाज में सुविधाओं व अवसरों से वंचित अंधेरों में खोए छायाकरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ फोटोग्राफी के क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से रीजनल फोटोग्राफी केन्द्र स्थापित करने पर चर्चा की गई। जानकारी देते हुए ऋषिकेश फोटोग्राफी क्लब के संचालक व सदस्य महेश पैन्यूली ने बताया किरीजनल फोटोग्राफी केन्द्रउभरते नए छायाकारों के लिए वरदान साबित होगा। जिसके जरिए वे फोटोग्राफी के क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकेंगे।

कार्यशाला में शामिल हुए विभिन्न क्षेत्रों के लोग: कार्यशाला में देहरादून,रूड़की,मुज़फ़्फ़रनगर,ऋषिकेश,पौड़ी,गुड़गांव, दिल्ली,टिहरी से आए व्यावसायिक व पेशेवर छायाकारों के अलावा भी फोटोग्राफी में रूची रखने वाले प्राध्यापक, पत्रकार, कॉलेज के छात्र—छात्राएं,चिकित्सा जगत से जुड़े लोग जो पिछले लंबे समय से अपने प्रोफेशन से अलावा व हटकर फोटोग्राफी में करियर बना चुके हैं वे शामिल हुए।

सुबह 7 बजे से 4 बजे तक चला कार्यक्रम: सुबह 7 बजे से शुरू हुई कार्यशाला में 10 बजे तक विषय विशेषज्ञों व प्रतिभागियों के बीच तकनीकी विषय पर चर्चा हुई। जबकि 11 से 12:30 बजे तक प्रयोगात्मक गतिविधियों के तहत छायाकारों ने बडासी गांव की रोजमर्रा की जिंदगी को अपने कैमरों में कैद किया। वहीं दोपहर 1 से 4 बजे के बीच मध्यान्ह भोजन व कार्याशाला के उद्देश्य और भविष्य की संभावनाओं पर गहन चर्चा की गई।

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