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शातिर दिमाग और मजबूत इरादे वाला है “पुतिन”।


रूसी राष्ट्रपति पुतिनके पिता भी थे वीर सैनिक।

आशीष लखेड़ा/ उत्तराखण्ड लाइवः 70 वर्षीय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शरीर से लेकर दिमाग से किसी 25 वर्षीय नौजवान से कम नहीं। अपने जीवन में बहुत सी चुनौतियों का सामान कर चुके पुतिन हर मुसीबत से लड़ने की क्षमता रखते हैं। लेकिन बावजूद इसके उनके बारे बहुत कम लोग जानते हैं। उनका जीवन किसी रहस्य से कम नहीं। जैसे-जैसे वो अपनी मंजिल की ओर बढ़ते गए उनके प्रतिस्पर्दा करने वाले लोग उनके रास्ते से रहस्यमयी ढंग से गायब होते चले गए।जानकारों का मानना है कि उनकी असल ताकत उनका खानदान है। कह सकते हैं कि उन्हें शातिर दिमाग और वतन के लिए निष्ठा उनके पूर्वजों से प्राप्त हुई है। लेनिन सटालिन के खानसामे थे दादा- 7 अक्टूबर 1952 को लेनिनग्राद में जन्में ब्लादिमीर पुतिन ने दादा स्पिरिदोन पुतिन पहले लेनिन और बाद में स्टालिन के खानसामे रह चुके हैं। पिता दूसरे विश्व युद्ध में सैनिक थे। दादा-पिता की निष्ठा के चलते ही पुतिन खुद को सोवियत संघ के निर्माताओं के वफादार के तौर पर साबित कर पाते हैं। देश भक्ति उनके खून में मौजूद है।
अपने हुनर के बल मिली देश की सत्ता-1999 में पुतिन की काबीलियत को देखते हुए उन्हें रूस की सुरक्षा परिषद का प्रमुख बना दिया गया। निडर होकर निर्णय लेने की उनकी क्षमता और कर्तव्य निष्ठा के चलते राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन पर उनका ऐसा जादू चला कि उन्हें समूच राष्ट्र की बागडोर बतौर प्रधानमंत्री बना कर सौंपी गई। दिसंबर 1999 में येल्तसिन एक घोटाले में फंसे तो पुतिन को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया गया। उसके बाद से पुतिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। देश को मजबूत बनाने की बात हो चाहे दुश्मन से लोहा लेना हो राष्ट्रपति पुतिन ने हर संकट का मुकाबला बखूबी किया।

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