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किडनी दे कर बचाई बहन की जान, बहन बोली भाई ने दिया मुझे रक्षाबंधन का अनमोल तोहफा


अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकुला में हुआ किडनी ट्रांसप्लांट

पंचकुला, (कुलदीप धस्माना )। “मैंने अपनी मां को किडनी की बीमारी से जूझते हुए देखा था और आखिरकार यह बीमारी उनके लिए जानलेवा साबित हुई । उस समय अंगदान के प्रति जागरूकता की कमी के कारण हम उन्हें बचा नहीं सके। उनके जाने से हमारे परिवार में एक बड़ा खालीपन आ गया था जिसे अभी तक नहीं भरा जा सका है। व्यक्तिगत रूप से मुझे अपनी माँ को इस तरह खोना मेरे लिए एक बहुत बड़ा सदमा था। इसलिए जब एक साल पहले मेरी बड़ी बहन को किडनी की समस्या हो गई, तो मैंने अपनी माँ जैसी बड़ी बहन अंजू विग (52) की जान बचाने के लिए बिना समय बर्बाद किये मैंने अपनी किडनी दान करने का निर्णय लिया।

अल्केमिस्ट अस्पताल
अंजू के लिए अपनी किडनी दान करने वाले मॉडल कॉलोनी यमुनानगर के प्रदीप गुलाटी (46) ने कहा कि मेरी पत्नी और दो बच्चों सहित मेरे परिवार ने इसमें मेरा पूरा साथ दिया और मुझे किडनी दान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अंजू का अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकुला में चीफ किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. नीरज गोयल द्वारा सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया, जिन्होंने लगभग 600 सफल किडनी ट्रांसप्लांट किए हैं और हाल ही में अल्केमिस्ट में 200 किडनी ट्रांसप्लांट पूरे किए हैं।
प्रदीप ने कहा, ”यह हर भाई का कर्तव्य है कि वह अपनी बहन को ‘रक्षा’ प्रदान करे। मेरी बहन अंजू, जो कि यमुनानगर में ही रहती है, मेरी माँ की तरह है और मैं अपनी माँ जैसी बहन को फिर से नहीं खो सकता था।”
अंजू को 2021 में किडनी की समस्या हो गई और एक स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें नियमित डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई।
अंजू के पति सतीश कुमार विग, जो यमुनानगर के गांधी नगर में एक डिपार्टमेंटल स्टोर चलाते हैं, ने कहा कि हमने ट्रांसप्लांट कराने का फैसला किया क्योंकि मेरी पत्नी का स्वास्थ्य नियमित डायलिसिस के लिए उपयुक्त नहीं था।
प्रदीप ने बिना किसी दूसरे विचार के अपनी किडनी दान करने की पेशकश की। सतीश ने कहा, अंजू के प्रति प्रदीप के प्यार और स्नेह ने हमें भी ट्रांसप्लांट के लिए प्रोत्साहित किया, भले ही हम शुरू में थोड़ा डरे हुए थे।
अंजू जिनके दो बड़े भाई और दो छोटी बहनें भी हैं ने कहा, मेरे सात साल छोटे भाई ने अपनी किडनी दान करके मुझे अनमोल तोहफा दिया है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे प्रदीप जैसा भाई मिला है जो अपनी बहन के हित के लिए कुछ भी कर गुजरने को तत्पर रहते हैं।
डॉ. नीरज गोयल ने कहा, ” ट्रांसप्लांट के बाद अंजू अपने छोटे भाई द्वारा समय पर किडनी दान करने के कारण एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी रही है। समाज में शरीर के अंगों के दान के बारे में जागरूकता फैलाने की तत्काल आवश्यकता है ताकि समय पर बहुमूल्य जीवन बचाया जा सके।”

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