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श्री चैतन्य गौड़ीय मठ का 5 दिवसीय धर्म सम्मेलन शुरू


आज श्री चैतन्य महाप्रभु जी की समाज को देन विषय पर चर्चा हुई

चण्डीगढ़ : श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के 55वां स्थापना दिवस के अवसर पर पांच दिवसीय धर्म सम्मेलन अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के आचार्य एवं अध्यक्ष श्री त्रिदण्डी स्वामी भक्ति विचार विष्णु जी महाराज जी के सानिध्य में प्रारंभ हो गया। मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह सम्मेलन 2 अप्रैल से लेकर 6 अप्रैल तक नित्य प्रति रात्रि 8 बजे से लेकर रात्रि 10:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक विषयों पर चर्चा की जाएगी। आज प्रथम दिवस धर्म सम्मेलन में श्री चैतन्य महाप्रभु जी की समाज को देन विषय पर भक्तों को संबोधित करते हुए हैदराबाद से आए हुए त्रिदंडी स्वामी श्री जितेंद्रिय महाराज जी ने भक्तों संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में आज जो संकीर्तन घर-घर में, शहर शहर में, गांव-गांव में, देश-विदेश में हो रहा है उसके जनक कलयुग प्रेम अवतारी भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु जी ही थे, उन्होंने ही संकीर्तन परंपरा प्रारंभ की थी। उनका उपदेश था कि कलयुग में कठिन तप नहीं, मात्र सामूहिक हरि नाम संकीर्तन से भगवत कृपा प्राप्त की जा सकती है। उनकी शिक्षा थी कि भगवान की भक्ति करने के लिए जात धर्म या कुल वरण की कोई शर्त नहीं है।

उन्होंने एक ऐसी खुली छत का निर्माण किया जिसमें बिना किसी भेदभाव के कोई भी रह कर हरि भजन कर सकता है। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर हरप्रीत कौर बबला थी और कार्यक्रम की अध्यक्षता चंडीगढ़ के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लेकर नृत्य संकीर्तन का आनंद प्राप्त किया। अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के आचार्य एवं अध्यक्ष श्री भक्त विचार विष्णु महाराज जी ने कहा कि मठ मंदिर के संस्थापक श्रीमद् भक्ति दायित्व माधव गोस्वामी जी महाराज जी के प्रयास से चंडीगढ़ प्रशासन ने सन 1970 में चंडीगढ़ मठ के लिए जमीन प्रदान की और 1971 में मठ मंदिर बनकर तैयार हुआ और आज 55 वर्ष पूरे होने पर मठ मंदिर चंडीगढ़ का एक प्रमुख मंदिर बन चुका है। मठ मंदिर की जन्माष्टमी पूरे ट्राई सिटी की आकर्षण का केंद्र रहती है। आज की तिथि में मठ मंदिर की विचारधारा से प्रभावित होकर लाखों की संख्या में शुभचिंतक जुड़े हुए हैं। धर्म सम्मेलन के उपलक्ष पर मठ मंदिर को पूरी तरह से दुल्हन की तरह सजाया हुआ है व रात्रि को रंग बिरंगी लाइट आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। कार्यक्रम के पश्चात भगवान को अर्पित स्वादिष्ट व्यंजनों का प्रसाद वितरित किया गया।

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