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कांग्रेस के 40 साल पुराने नेता महंत रामेश्वर गिरी ने कहा पार्टी को अलविदा


चण्डीगढ़ : कांग्रेस के 40 साल पुराने नेता महंत रामेश्वर गिरी ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। गिरी जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और पार्टी की जन विरोधी नीतियों से दुखी चल रहे थे। उनके समर्थकों के मुताबिक कांग्रेस के ऊपर से लेकर नीचे तक अकर्मण्य व डफ्फर नेतृत्व के चलते गिरी ने ये कदम उठाया है। मनीमाजरा निवासी रामेश्वर गिरी का ब्राह्मण समाज में काफी प्रभाव है व प्रख्यात शक्तिपीठ माता मनसा देवी को जाती सड़क पर पड़ते माता संतोषी मंदिर की सैंकड़ों वर्ष पुरानी गद्दी पर वे महंत के तौर पर विराजमान हैं तथा जरूरतमंद कन्याओं की शादी, वंचित समाज के लोगों की मदद करने, आए दिन विभिन्न मौकों पर लंगर-भंडारे लगाने आदि सामाजिक कार्यों में वे हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते आ रहे हैं। वे चण्डीगढ़ में कांग्रेस के सचिव व अन्य पदों पर सेवाएं दे चुके हैं व उनका स्थानीय सामाजिक, राजनीतिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में काफी प्रभाव है। उन्होंने पार्टी के पदों के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय नेतृत्व की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी निराशा जताई।

उल्लेखनीय है कि उनकी पुत्रवधु ने पिछले नगर निगम चुनाव में प्रतिद्वंदी उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी परन्तु भितरघात के कारण जीत हासिल नहीं हो पाई व इन्हीं भितरघातियों को आजकल उनके ऊपर तवज्जों दी जा रही है, जिससे वे खिन्न चल रहे थे। तिस पर स्थानीय नेतृत्व इस सारे घटनाक्रम से अवगत होने पर भी अहंकारी व तिरस्कारपूर्ण रवैया अपनाये हुए था जिस कारण उन्होंने अपने स्वाभिमान की रक्षा करते हुए पार्टी से किनारा कर लिया। सूचना है कि स्थानीय भाजपा नेतृत्व उनके सम्पर्क में है।

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