ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना की 25 योजनाओं पर हुई समीक्षा, मुख्य सचिव ने दिए कार्य में तेजी लाने के निर्देश
मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित 25 विकास परियोजनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इन परियोजनाओं में रिवर राफ्टिंग डेवलपमेंट, पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस, आस्था पथ, संजय झील रिडेवलपमेंट, सीवरेज और ड्रेनेज सिस्टम, घाटों का सौंदर्यीकरण, भीड़ प्रबंधन, कांवड़ यात्रा प्रबंधन, चारधाम यात्रा से जुड़े इंतजाम, सड़क चौड़ीकरण, ब्रिज निर्माण और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे अहम कार्य शामिल हैं। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों से वर्तमान प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की और निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं को तेजी और पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को ब्रिज और सड़क निर्माण कार्यों पर प्राथमिकता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
रिवर राफ्टिंग परियोजना को एक अंतरराष्ट्रीय राफ्टिंग सेंटर के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए गए, जिससे ऋषिकेश का पर्यटन और साहसिक खेलों में महत्व और बढ़ेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विकास कार्य जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किए जाएं और निर्माण कार्यों की गति में बाधा न आने पाए। साथ ही, विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने की बात भी कही।
कांवड़ यात्रा को और बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए देहरादून के माजरी ग्रांट और हरिद्वार के हरिपुर कलां को जोड़ने वाले मार्ग का गहन अध्ययन करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा कॉरिडोर परियोजना का लक्ष्य ऋषिकेश को एक व्यवस्थित, जाम मुक्त और सुगम यातायात से युक्त शहर बनाना है। इस दिशा में एकीकृत मॉडल अपनाकर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे स्थानीयता और आधुनिकता का संतुलन बना रहे।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल.एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार और विनय शंकर पांडेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।