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70 वर्षीय मरीज को मैक्स हॉस्पिटल बठिंडा में सफल मैकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी के बाद नया जीवन मिला


बठिंडा: जान लेवा गंभीर पल्मोनरी एम्बोलिज्म से पीड़ित 70 वर्षीय मरीज को मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बठिंडा में सफल मैकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी के बाद नया जीवन मिला। गंभीर पल्मोनरी एम्बोलिज्म फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में अवरोध है, जिसका अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह घातक है।

मरीज को मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बठिंडा में अचानक सांस लेने में कठिनाई और बेहोशी की हालत में लाया गया था। आगे की जांच में पता चला कि मरीज की फेफड़े की धमनी का दबाव अत्यधिक हाई था, और ऑक्सीजन स्तर खतरनाक रूप से गिर गया था, जिससे हार्ट फंक्शन गंभीर रूप से प्रभावित हो गया था । गंभीर स्थिति को देखते हुए, केवल ब्लड थिनर मेडिसिन के साथ मानक उपचार पर्याप्त नहीं था।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बठिंडा में कार्डियोलॉजी कंसलटेंट डॉ. दीक्षित गोयल की अगुवाई में डॉक्टरों की एक टीम ने फेफड़ों से ब्लड क्लॉट निकलने की एडवांस मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर पेनुम्ब्रा एस्पिरेशन सिस्टम का उपयोग करने का निर्णय लिया।
डॉ. दीक्षित गोयल ने बताया , ” इस हाई रिस्क केस में मरीज का ऑक्सीजन स्तर गंभीर रूप से गिर गए थे, और उसका हृदय अत्यधिक दबाव में था। मिनिमली इनवेसिव पेनुम्ब्रा एस्पिरेशन सिस्टम का उपयोग करके, हम दोनों फेफड़ों से बड़े क्लॉट निकालने में सक्षम हुए, जिसके परिणामस्वरूप मरीज की सांस लेने में तुरंत सुधार हुआ। प्रोसीजर के बाद मरीज का ऑक्सीजन स्तर 100% तक बढ़ गया , और फेफड़े की आर्टरी का दबाव सामान्य हो गया। मरीज को प्रोसीजर के बाद से स्थिर स्थिति में 4 दिन में डिस्चार्ज कर दिया गया।”

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