उत्तराखंड रामलीला कमेटी द्वारा आज केवट प्रसंग का मनमोहक दृश्य दिखाया गया
चण्डीगढ़ : उत्तराखंड रामलीला कमेटी, मौली कॉम्प्लेक्स द्वारा दिखाई केवट लीला से दर्शक हुए लीन प्रभु श्री राम जी जब नदी तट पर पहुँचते हैं तो निषादराज से गंगा पार करवाने के लिए कहते हैं, तब निषादराज केवट को प्रभु श्रीराम को गंगा पार करने के लिए कहते हैं। केवट प्रभु राम से कहते है कि वह एक ही शर्त पर गंगा पार करा सकते हैं कि पहले आपके चरण धोएंगे और उस चरण रज के पानी को खुद व परिवार को पिलायेंगे तभी नाविक मे चढ़ाएँगे। केवट ने आगे कहा कि हे प्रभु, मैंने सुना है कि आपके पैरों की धूल मात्र से पत्थर की शिला सुंदर नारी बन गयी थी, तो उनके पैर रखने से क्या पता उनकी नाव क्या बन जाए क्योंकि मेरी नाव लकड़ी के कई टुकड़ों से बनी है, और अगर आपके पैरों की धूल मेरी नाव पर गिरती है, तो मुझे डर है कि नाव लकड़ी के प्रत्येक टुकड़े के अनुरूप कई महिलाओं में बदल जाएगी। राम सीता को देखकर मुस्कुराते हैं और चुप रहते है।
भगवान राम केवट की आस्था की सराहना करते है। भगवान के चरण धोने के बाद केवट ने उन्हें नदी पार कराते हैं। जैसे ही वे नाव से उतरे, माँ सीता ने तुरंत अपनी उंगली से एक अंगूठी निकाली और भगवान राम को सौंप दी और संकेत दिया कि इसे केवट को दे दें।
भगवान राम केवट को मुद्रिका देते हुए कहते हैं कि देखो भाई, तुम्हारी दयालु सेवा के लिए हम तुम्हें इतना ही दे सकते हैं। कृपया इसे स्वीकार करो।
केवट प्रभु श्रीराम से कहते हैं कि मैं आपसे उत्तराई नहीं ले सकता। भगवान राम उतराई नही लेने का कारण पूछते है तो केवट कहते हैं कि एक ही पेशे के लोग अपनी सेवाओं के लिए एक-दूसरे से पैसे नहीं लेते। जब एक धोबी भी अपने साथी धोबी से पैसे नहीं लेता। केवट प्रभु से कहते हैं कि हम दोनों एक ही काम करते हैं। फर्क सिर्फ़ इतना है कि मैं लोगों को गंगा के इस किनारे से उस किनारे तक ले जाता हूँ। लेकिन आप तो लोगों को जीवन की यात्रा में भवसागर से पार कराते हैं। मैं आपसे कैसे पैसे ले सकता हूँ? प्रभु, मुझे कुछ नहीं चाहिए। लेकिन जैसे मैंने आज आपको यह नदी पार कराई है, वैसे ही जब मेरा समय आए, तो मुझे भी संसार सागर से पार करा देना। यही आपका मेरे पास वापस लौटना होगा। कमेटी के महासचिव दयानंद बड़थ्वाल ने बताया कि केवट का अभिनय स्वयं निर्देशक हरीश डंडरियाल ने, राम की भूमिका नितेष धौलाखंडी, लक्ष्मण की भूमिका सागर धौलाखंडी, सीता की भूमिका दक्ष पंवार , निषादराज, का अभिनय रवि गुप्ता, पर्वतीय का अभिनय मोनू रावत, केवट के बेटे का अभिनय नैतिक रावत द्वारा किया गया जिसको देखकर दर्शकों ने खूब आनंद उठाया l