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सीएम सैनी ने पिंजौर के कामधेनु गौशाला में सीबीजी प्लांट सुविधा का किया उद्घाटन, गौमाता देह संस्कार केंद्र और नए शेड का भी किया शिलान्यास


पिंजौर :गौ कल्याण और टिकाऊ पशुधन प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को कामधेनु गौशाला सेवा सदन (केजीएसएस), पिंजौर में जीना सीखो लाइफकेयर की इकाई जीना ग्रीन्स रिसोर्सेज द्वारा स्थापित कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) प्लांट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गौमाता देह संस्कार केंद्र और एक नए शेड का शिलान्यास भी किया गया, जो अब और अधिक आवारा गायों की सुविधा प्रदान करेगा।

इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर गीता मनीषी, श्रद्धेय स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, हरियाणा के कृषि और पशुपालन मंत्री धर्म सिंह राणा की उपस्थिति रही; शक्ति रानी शर्मा, विधायक, कालका, आचार्य मनीष, अध्यक्ष, जीना सीखो, नवराज धीर, अध्यक्ष, केजीएसएस, आलोक कृष्ण, उपाध्यक्ष, केजीएसएस, श्रवण कुमार गर्ग, अध्यक्ष, हरियाणा गौ सेवा आयोग, संजय टंडन, सदस्य, भाजपा राष्ट्रीय परिषद सहित सम्मानित गणमान्य व्यक्ति, धार्मिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए जिन्होंने गौ कल्याण में सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गौशाला के विस्तार के लिए 21 लाख रुपये तथा कृषि मंत्री ने 11 लाख रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई इस अवसर पर बोलते हुए, सीएम नायब सिंह सैनी ने कामधेनु गौशाला सेवा सदन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार गौशाला कल्याण नीतियों को मजबूत करने और टिकाऊ कैटल केयर (पशु देखभाल) मॉडल का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देते हुए पशुओं के नैतिक उपचार को सुनिश्चित करने में ऐसी सुविधाओं के महत्व पर प्रकाश डाला।

 

समारोह को संबोधित करते हुए, आचार्य मनीष जी ने इस बात पर जोर दिया कि गायें अब बाहरी सहायता पर निर्भर नहीं हैं क्योंकि उनके जैविक उत्पादों (जैसे गोबर, मूत्र और दूध) का उपयोग इस तरह से किया जा रहा है जो उनके मूल्य को बढ़ाता है और उनके रखरखाव को बनाए रखता है। नव स्थापित प्लांट ने सामाजिक कल्याण और आर्थिक सक्षमता सुनिश्चित करते हुए स्थिरता, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित किया है।

इस अवसर पर उपस्थित हरियाणा के कृषि और पशुपालन मंत्री धर्म सिंह राणा ने सतत पशुधन प्रबंधन पर पहल के प्रभाव की प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल नैतिक गाय प्रबंधन और सतत प्रथाओं का एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करती है क्योंकि सरकार का ध्यान ऐसे प्रयासों का समर्थन करने पर रहता है जो हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखते हैं और पशुधन की रक्षा करते हैं। केजीएसएस के अध्यक्ष नवराज धीर ने भी अपने संबोधन में परियोजना के भविष्य में होने वाले प्रभाव की सराहना की। उनके अनुसार गौशाला में शुरू की गई पहल के साथ, यह गौ सेवा, सामाजिक कल्याण और पर्यावरण सद्भाव के प्रति ट्रस्ट की जिम्मेदारी को दर्शाता है जो हमारे समाज पर लम्बी अवधि तक सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

शक्ति रानी शर्मा, विधायक, कालका ने पशु कल्याण में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना है कि जब समाज सक्रिय रूप से योगदान देता है तो इस तरह की परियोजनाएँ सफल होती हैं क्योंकि कामधेनु गौशाला सेवा सदन की पहल एक ऐसा मॉडल है जिसे जिम्मेदार और मानवीय मवेशियों की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में दोहराया जाना चाहिए। संजय टंडन ने अपने वक्तव्य में काऊ मैनेजमेंट के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर प्रकाश डाला। आलोक कृष्ण का मत था की गौरक्षा केवल एक धार्मिक भावना या सामाजिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक पर्यावरणीय आवश्यकता है जो निर्दोष जानवरों और बड़े पैमाने पर समाज को लाभान्वित करती है।

सीबीजी प्लांट एक पर्यावरण के अनुकूल परियोजना है जो जैविक कचरे को बायो गैस में संसाधित करेगी और घोल (तरल खाद), ठोस खाद, बायो चारकोल और बायो पेंट जैसे उत्पादों का उत्पादन करेगी। इन उत्पादों को सामाजिक कल्याण उद्देश्यों के लिए मार्किट किया जाएगा जो पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास में योगदान देगा। गौशाला कालका नगर निगम सीमा के आस-पास की परिधि से आवारा गायों को रखने का कार्य जारी रखती है। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक और शेड बनाने की आवश्यकता थी जिसकी जल्द ही पूर्ति की जायेगी। इसके अतिरिक्त, गौमाता देह संस्कार केंद्र की सुविधा से मृत गायों का वैदिक रीति से दाह संस्कार करने में मदद मिलेगी।

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