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मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की मिसाल – रोशमा देवी राज्य स्तरीय तीलू रौतेली पुरस्कार हेतु चयनित


पौड़ी गढ़वाल। कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से सफलता की राह बनती है, इसका उदाहरण पेश किया है ग्राम डुंगरी की रोशमा देवी ने। साधारण कृषक परिवार में जन्मी रोशमा देवी ने खेती और पशुपालन को अपने जीवन का आधार बनाया और आत्मनिर्भर बनते हुए क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। पिछले 15 वर्षों से वे सब्ज़ी उत्पादन, पहाड़ी अनाज, दलहन, तिलहन, मशरूम और डेयरी उत्पादन में सक्रिय हैं। रोजाना 30–35 लीटर दूध उत्पादन के साथ पनीर और घी बनाकर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। सब्ज़ियों में आलू, मटर, प्याज, बीन्स, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, टमाटर आदि की खेती से उन्होंने अच्छा मुनाफ़ा कमाया है।

रोशमा देवी ने गहत, भट्ट, मडुआ, झंगोरा जैसे पहाड़ी अनाज और मसूर, तूर व सोयाबीन की खेती कर भी उल्लेखनीय कार्य किया। तिलहन उत्पादन में सरसों से तेल निकालकर घरेलू और व्यावसायिक स्तर पर लाभ अर्जित किया।

समाज सेवा में भी उनका योगदान सराहनीय है। महिला समूहों और स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में मनरेगा के तहत 1200 पौधों का रोपण किया गया जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और पलायन रोकने में मदद मिली।

उद्यान विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार सहित कई सम्मान उन्हें मिल चुके हैं। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए रोशमा देवी का चयन राज्य स्तरीय तीलू रौतेली पुरस्कार हेतु किया गया है।

यह उपलब्धि पूरे पौड़ी गढ़वाल के लिए गर्व की बात है और महिलाओं के लिए प्रेरणादायक संदेश है कि संकल्प और परिश्रम से सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।

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