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इंटरनेशनल सेमिनार में प्रबंधन शिक्षा के उभरते परिदृश्य पर विशेषज्ञों ने की चर्चा


चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज के कामर्स एंड मैनेजमेंट पोस्टग्रेजुएट विभाग की ओर से पीएम-ऊषा योजना के तहत पीएमएलएसडी बिजनेस स्कूल में “प्रबंधन शिक्षा में बदलते प्रतिमान” विषय पर इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार ने शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और स्कॉलर्स के लिए एक ऐसे मंच के रूप में कार्य किया जहां तकनीकी प्रगति और वैश्विक आर्थिक बदलावों द्वारा आकार ले रहे प्रबंधन शिक्षा के उभरते परिदृश्य पर चर्चा की गई।


जीजीडीएसडी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने अपने संबोधन में कॉलेज की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और उपस्थित लोगों के साथ इसकी उल्लेखनीय उपलब्धियों को साझा किया। डॉ. शर्मा ने आज के तेजी से विकसित हो रहे संदर्भ में प्रबंधन शिक्षा को पुनर्परिभाषित करने की तत्काल आवश्यकता पर बात की। उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रांति और वैश्वीकरण के मद्देनजर प्रबंधन शिक्षा के पारंपरिक मॉडल अपर्याप्त होते जा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रबंधन शिक्षा को पुनर्परिभाषित करना महज एक अकादमिक अभ्यास नहीं है – यह विजरनी लीडर्स को विकसित करने के लिए आवश्यक है जो नवाचार को आगे बढ़ा सकें, सस्टेनेबल बिजनेस प्रैक्टिस को बढ़ावा दे सकें और डिजिटल युग में कामयाब हो सकें।
किंग्स कॉलेज, लंदन के कैबिनेट आफिस के सिविल सर्वेंट (डिजिटल एवं सिस्टम प्रमुख) डॉ. रविंदर सिंह झंडू ने पुरानी पड़ चुकी पारंपरिक शिक्षा को पुनर्जीवित करने तथा निरंतर सीखने को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पारंपरिक शिक्षा प्रणालियों की स्थिर और पुरानी प्रकृति की आलोचनात्मक जांच की, तथा सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने, निरंतर सीखने को बढ़ावा देने और उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की दिशा में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। प्रोफेसर झंडू ने शैक्षिक ढांचे में क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।


एजीएच साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी , पोलैंड के बिजनेस इंफॉर्मेशन और मैनेजमेंट इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. जेरज़ी डूडा ने शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने अपनी यूनिवर्सिटी के इतिहास और शोध क्षेत्रों के संक्षिप्त परिचय के साथ बातचीत शुरू की। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न प्रकार के एआई पर जोर दिया और प्रबंधन शिक्षा में एआई के अनुशासन के संस्थापकों में से एक जॉन मैकार्थी के योगदान का भी उल्लेख किया। एजीएच साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी , पोलैंड के सोशल कैपिटल एंड आर्गेनाइजेशनल मैनेजमेंट के डॉ. जोआना डूडा ने विषय पर गहन अंतर्दृष्टि प्रदान की और प्रतिभागियों को नौकरियां पैदा करके रोजगार की समस्याओं को हल करने के बारे में मार्गदर्शन दिया और इस बात पर जोर दिया कि विकासशील देशों के लिए रणनीति विकसित करना एक बहुत जरूरी समाधान है।

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