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लोक गायिका रेखा धस्माना को भास्करानंद मैठाणी सम्मान से नवाजा गया


श्रीनगर : हिमालय कला एवं कला साहित्य परिषद द्वारा इस वर्ष का सम्मान लोक गायिका रेखा धस्माना उनियाल प्रदान किया गया। श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य के सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने उन्हें अंग वस्त्र , प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।इस अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय में कला संकाय की अधिष्ठाता प्रो. मंजुला राणा,वानिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव,ओर प्रसिद्ध भू वैज्ञानिक डॉ एस पी सती,पूर्व पालिकाध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी,प्रो संपूर्ण सिंह रावत,अनिल स्वामी,रंगकर्मी विमल बहुगुणा,के प. काला सहित अनेक रंगकर्मी और सामाजिक ,सांस्कृतिक संगठनों के लोग उपस्थित थे।


इस अवसरपर सूचना आयुक्त योगेश भट्ट नेकहा की साहित्य परिषद की यह पहल बहुत उपयोगी है।उनका कहना था कि श्रीनगर का एक गौरवशाली इतिहास रहा हैं। गढ़ नरेशो के युग से यह केंद्र जन जागृति का प्रमुख केंद्र रहा हे।
इस मौके पर भू विज्ञानी डॉ एस पी सती ने अतीत की स्मृतियों को साझा करते हुए लोक गीत साधना में रेखा उनियाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने नई पीढ़ी को लोक संगीत ओर मांगलिक गायन विधा में दक्ष कर,स्वरोजगार से भी जोड़ा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए इतिहासकार डॉ योगेश धस्माना ने श्रीनगर की स्थापना के 1000एक हजार वर्षों के इतिहास को बताते हुए संस्कृतकर्मियों से अपील कर यहां की साझा संस्कृति को बनाए रखनी की अपील की।
इससे पूर्व स्वागत भाषण में कृष्णा नन्द मैठाणी ने संस्था के इतिहास ओर उसकी गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि संस्था का उद्देश्य उत्तराखंड के दुर्लभ साहित्य का प्रकाशन कर युवा प्रतिभा शाली साहित्यकारों को मंच प्रदान करना है।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो मंजुला राणा ओर संचालन कवि नीरज नैथानी ने किया। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती रेखा धस्माना उनियाल ने अपने गीतो की प्रस्तुतियों से पंडाल में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया।

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