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भारत के युवा उद्यमी सिर्फ कामयाबी के पीछे नहीं भाग रहे, बल्कि अपने समुदाय की वास्तविक समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहे हैं’: जयंत चौधरी


स्किल इंडिया पैविलियन ने स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में चर्चा और डील्स के लिए मंच उपलब्ध कराया, सपनों को दी उड़ान

चंडीगढ़ : जयंत चौधरी, माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) और माननीय राज्य मंत्री शिक्षा मंत्रालय ने स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में आयोजित फ्यूचरप्रेन्योर्स चैलेंज के ग्राण्ड फिनाले में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के दौरान देश से सबसे मेधावी इनोवेटर छात्रों को राष्ट्रीय मंच पर अपने अग्रणी समाधानों को प्रस्तुत करने का मौका मिला।

फ्यूचरप्रेन्योर्स चैलेंज कार्यक्रम का आकर्षण केन्द्र रहा, जिसमें छात्रों की 10 टीमों ने रैपिड फायर फोर्मेट में अपने इनोवेशन्स को श्री जयंत चौधरी के समक्ष प्रस्तुत किया। दर्शकों में निवेशक, नीतिनिर्माता और उद्योग जगत के दिग्गज भी शामिल रहे। श्री चौधरी ने 10 टॉप स्टार्टअप्स को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी और सम्मानित किया तथा उन्हें भारत की स्टार्टअप यात्रा के उभरते बदलावकर्ता के रूप में मान्यता दी।

चण्डीगढ़ की चितकारा युनिवर्सिटी को ‘स्टिक बड्डी’ के लिए पहले पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इस स्मार्ट असिस्टिव डिवाइस को नेत्रहीनों के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसमें ऑब्स्टेकल डिटेक्शन (बाधा का पता लगाने), टाईम-डेट अपडेट और एमरजेन्सी एलर्ट की सुविधा है। देहरादून के तुला इंस्टीट्यूट को ‘प्रगति’ के लिए दूसरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया, प्रगति एक एआई-पावर्ड नर्स रोबोट है, जो साधारण तरीके से हाथ मिलाकर स्वास्थ्य जांच करने, रियल-टाईम एलर्ट देने में सक्षम है। यह समाधान खासतौर पर वंचित क्षेत्रों के लिए उपयोगी है। आन्ध्र प्रदेश के विज्ञान फार्मेसी कॉलेज को ‘मैगना पैड्स’ के लिए तीसरा पुरस्कार मिला। माहवारी के दौरान देखभाल के लिए पेश किया गया यह आधुनिक प्रोडक्ट पेन रिलीफ़ (दर्द में आराम) और डायग्नॉस्टिक क्षमता के साथ आता है तथा एनीमिया एवं पीसीओएस जैसी स्थितियों की पहचान में सक्षम है।

स्पेशल जूरी अवॉर्ड्स ‘वायुपुत्र’ के लिए गवर्नमेन्ट पॉलिटेक्निक देवरिया को तथा ‘जीविथम’ के लिए तमिलनाडु के राजलक्ष्मी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को दिए गए। वायुपुत्र एक एआई-इनेबल्ड एग्रीकल्चर ड्रोन है, जो कीटनाशकों के ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल और श्रमिकों की कमी की समस्या को हल करता है। इसी तरह जीविथम एआई आधारित चाइल्ड हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म है जो बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए व्यक्तिगत पोषण, वैक्सीनेशन ट्रैकिंग एवं डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधाएं देता हैं। अन्य फाइनलिस्ट्स ने अंग प्रत्यारोपण लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई क्रेडिट एक्सेस, स्थायी कृषि, प्रवासी शिक्षा एवं किफ़ायती स्वास्थ्य सेवाओं पर समाधान पेश किए। इन समाधानों से स्पष्ट है कि आज के दौर में युवा इनोवेटर्स वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस अवसर पर टीआईई ग्लोबल द्वारा श्री चौधरी के साथ आकर्षक फायरसाईड चैट भी आयोजित की गई जिसका विषय था ‘कौशल से स्टार्टअप्स तकः भारत के युवा उद्यमियों को मुक्त करना’। श्री चौधरी ने इन उद्यमियों की विशेषताओं पर बात करते हुए कहा, ‘‘आज मुझे न सिर्फ आइडियाज़ ने बल्कि प्रतियोगियों के इरादे ने बहुत अधिक प्रभावित किया है। आज यहां मौजूद हर युवा उद्यमी सिर्फ कामयाबी के पीछे नहीं भाग रहा, बल्कि अपने समुदाय की वास्तविक समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहा है। भारत को इसी तरह की सोच की ज़रूरत है जहां कौशल और स्टार्ट-अप्स एक साथ मिलकर आगे बढ़ें। हम इसी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना चाहते हैं और सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर छात्र, सपने देखने वाले हर व्यक्ति को विश्वास हो कि उनका आइडिया भारत के भविष्य को नया आयाम दे सकता है। इस तरह हम न सिर्फ स्टार्ट-अप देश का निर्माण करते हैं बल्कि ज़िम्मेदार क्रिएटर्स एवं लीडर्स का देश बनाते हैं।

माननीय मंत्री जी ने 15 उद्यमियों के साथ बातचीत की, जिन्हें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरेप्रेन्योरशिप एण्ड स्मॉल बिज़नेस डेवलपमेन्ट का समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने स्किल इंडिया पैविलियन में कौशल-आधारित उद्यमिता का प्रदर्शन किया। इस मंच ने भारत के हर कोने से उठने वाली आवाज़ को बुलंद करने और युवाओं को अवसर उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह पैविलियन इनोवेशन्स के लिए प्रभावशाली मंच बन गया, जिसने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय युवाओं के स्थायी एवं समावेशी भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए उद्यमिता में कौशल को शामिल करना अनिवार्य है।

स्टार्ट-अप महाकुंभ 2025 में 3000 से अधिक स्टार्ट-अप्स, 1000 निवेशकों और 50 से अधिक विश्वस्तरीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मंच ने दुनिया के टॉप तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम्स में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाया है। इस बीच स्किल इंडिया पैविलियन विक्रेन्द्रित कौशल आधारित उद्यमिता के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है जो इनोवेशन्स और राष्ट्रीय स्तर के अवसरों के बीच के अंतर का दूर कर रहा है।

कार्यक्रम के समापन के साथ कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने समावेशी एवं भविष्य के लिए तैयार स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जहां हर उभरते उद्यमी को इनोवेट करने, विकसित होने और नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा, फिर चाहे वह किसी भी भोगोलिक क्षेत्र या पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखता हो।

 

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