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कामधेनु व अमृत समान श्रीराम कथा को सुने, गुने व इसे अपने जीवन में उतारें : प्रेममूर्ति पूज्य संतोष जी महाराज


चण्डीगढ़: से. 29 स्थित श्री साईं धाम में नवरात्री एवं रामनवमी के अवसर पर पहली बार संगीतमय श्री रामकथा का आयोजन किया जा रहा है जो 6 अप्रैल को रामनवमी के दिन तक चलेगी। आज कथावाचक प्रेममूर्ति पूज्य संतोष जी महाराज (अयोध्या धाम वाले) ने सुनाया कि श्रीराम कथा कामधेनु है। अमृत समान इस श्रीराम कथा को सुने और गुने व इसे अपने जीवन में उतारे। श्री राम कथा मंगल करने वाली है और हमारे भगवान श्रीराम भी मंगल करने वाले हैं। यह कथा सुनने से श्रीराम अमंगल को हर लेते है। रामकथा और रामचर्चा पावन और पवित्र है। जो इसे गायेगा और सुनेगा उसे इसका अमृत समान फल अवश्य ही मिलेगा।


महाराज जी ने मानस के सभी संवादों की चर्चा की और कहा की मानस कथा संवादों का ग्रंथ है, इसे सुनें और गुने। श्रोताओं से कहा कि पावन रामकथा को अपने गृहस्थी में शामिल करें और उसे अपनाएं। कहा की राम कथा सुनकर इस जन्म की ही नहीं बल्कि सारे जन्मों की बाधा दूर हो जाती है। श्रीराम कथा अमृत रस जैसी है, जो कानों में पहुंचकर व्यक्ति को अमरता प्रदान करती है। श्रोताओ से कहा कि कथा पूरी ना सुन सके तो आंशिक ही सुने परंतु इसे पूरे मन से सुनें और इसे अपने जीवन में उतारने की पूरी कोशिश करें।
उन्होंने श्री राम के चरित्र पर चलने का आह्वान किया। महाराज जी ने श्रोताओं से कहा कि श्री राम कथा भव रोग की दवा है, जो गायेगा वह तर जाएगा। कहा कि श्री राम कथा की महिमा तुलसीदास जी द्वारा श्रीरामचरितमानस के रूप में हम सब के बीच में उपस्थित है।
नवरात्री के कार्यक्रमों के चलते श्री साई धाम को बेहद फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है तथा जबरदस्त लाइटिंग की गई है जोकि देखते ही बनती है। कथा में यजमान बनने के लिए भक्तों में भारी उत्साह
है। रामकथा में कथावाचक प्रतिदिन सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक कथा वाचन करते हैं जबकि कथा से पूर्व रोजाना सांय 4 बजे से से सांय 6 बजे तक मंडप पूजन किया जाता है।

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