राष्ट्रीय प्रतिभाओं से रूबरू होंगे पौड़ी के छात्र।
आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जुड़ेगा पौड़ी का आदर्श मॉडल स्कूल।
स्मार्ट बोर्ड के जरिए मिलेगा आधुनिक शिक्षा का अनुभव।
नोएडा / उत्तराखंड लाइव:
अब वह दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जैसे पर्वतीय क्षेत्रों के छात्र भी महानगरों के बच्चों की तरह आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्राप्त करेंगे। पौड़ी गढ़वाल के प्रेमनगर गांव स्थित आदर्श मॉडल स्कूल में छात्रों को अब स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इस तकनीक की मदद से छात्र विद्यालय में बैठकर न केवल देश और दुनिया की प्रतिभाओं से जुड़ेंगे, बल्कि उनके साथ अपने अनुभव और विचार भी साझा कर पाएंगे। यह पहल न सिर्फ शिक्षा को इंटरएक्टिव बनाएगी, बल्कि ग्रामीण छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण भी देगी।
पौड़ी गढ़वाल के प्रेमनगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय आदर्श मॉडल स्कूल एक के बाद एक छात्रों के नैतिक व शैक्षिक विकास के लिए नए-नए कदम उठा रहा है। विद्यालय में शिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हाल ही में विद्यालय ट्रस्ट त्र्यंबक फाउंडेशन के महेश पैन्यूली व विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण नैथानी द्वारा नोएडा स्थित एनजीओ रूट्स टू रूट्स के साथ एक बैठक की गई, जिसमें पौड़ी गढ़वाल स्थित आदर्श मॉडल स्कूल को देश में आधुनिक शिक्षा तकनीक की मुख्यधारा से जोड़ने पर विचार किया गया। इसके लिए रूट्स टू रूट्स द्वारा विद्यालय को अपनी स्मार्ट बोर्ड तकनीक से जोड़ने पर सहमति दी गई। इसके माध्यम से पौड़ी आदर्श मॉडल स्कूल के छात्र अब देश के अन्य महानगरों के छात्र-छात्राओं की तरह देश की महान प्रतिभाओं के अनुभव और ज्ञान से रूबरू हो सकेंगे।
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मेजर गोर्की चंदोला ने बताया कि “न सिर्फ शिक्षा बल्कि आज के समय में आधुनिक शिक्षा प्रत्येक छात्र का पहला अधिकार है। पहाड़ के छात्रों में काबिलियत बहुत है, बस जरूरत है तो उन्हें अवसर प्रदान करने की। रूट्स टू रूट्स के माध्यम से हम बस छात्रों को यह अवसर देना चाह रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी योजना स्कूल को ‘ग्रीन स्कूल’ के रूप में विकसित करने की है, जहाँ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, सोलर ऊर्जा का उपयोग और हरित वातावरण के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। साथ ही, हमारा लक्ष्य है कि स्कूल को ‘Zero Carbon Emission’ की दिशा में अग्रसर किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी को हम एक स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण दे सकें।
त्र्यंबक फाउंडेशन के महेश पैन्यूली ने बताया कि जल्द ही छात्र-छात्राओं को AI, रोबोटिक्स जैसे विषयों का ज्ञान भी प्रयोगात्मक तरीके से देने पर विचार किया जा रहा है।
विंग कमांडर अनुपमा जोशी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि “आज के समय में आधुनिक शिक्षा प्रणाली एक आवश्यकता बन चुकी है। यदि हमें अपने पहाड़ के बच्चों को आधुनिक विश्व के लिए तैयार करना है, तो ऐसे प्लेटफॉर्म से उन्हें जोड़ना बेहद जरूरी है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण नैथानी ने बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से छात्र-छात्राओं की शैक्षिक व बौद्धिक उन्नति के लिए समय-समय पर ऐसी रणनीतियां बनाई जाती हैं। स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से छात्र कला, संगीत, खेल व रचनात्मक गतिविधियों से भी जुड़ सकेंगे।
📚 क्या है रूट्स टू रूट्स और उसका उद्देश्य?
Routes 2 Roots एक गैर-लाभकारी संस्था (NGO) है, जो भारतीय संस्कृति, कला, संगीत और विरासत को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। यह संस्था DIGITAL CLASSROOMS नामक पहल के माध्यम से भारत और विदेशों के हजारों स्कूलों को जोड़ती है, जहाँ छात्रों को भारतीय संगीत, नृत्य, चित्रकला, हस्तकला, और सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से दी जाती है।
Routes 2 Roots के माध्यम से देश-विदेश के विशेषज्ञ और कलाकार LIVE इंटरैक्टिव सेशन में छात्रों से जुड़ते हैं और उन्हें भारतीय संस्कृति का अनुभव कराते हैं। यह पहल तकनीक और परंपरा का संगम है, जो विद्यार्थियों को नॉलेज, स्किल और संस्कार तीनों से समृद्ध बनाती है।