सार्थक स्कूल में स्वदेशी शिक्षा और स्वावलंबन पर सारगर्भित संवाद, बच्चों को मिला आत्मनिर्भरता का नया दृष्टिकोण
पंचकूला : स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान के तहत सार्थक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पंचकूला में एक प्रेरणादायक जानकारी से भरपूर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुलदीप जी (प्रदेश प्रचारक) ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1832 में एक अंग्रेज अधिकारी द्वारा भारत में कराए गए सर्वे में यह पाया गया कि भारत में कोई भी गरीब नहीं है, और सभी जातियों व वर्गों के लोग स्वाभिमान के साथ शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। लेकिन केवल तीन वर्षों में उन्होंने भारत में एक ऐसी नई शिक्षा प्रणाली लागू की जिसका उद्देश्य सिर्फ क्लर्क और नौकर तैयार करना था, जिससे हमारी पारंपरिक, मूल्य-आधारित शिक्षा प्रणाली समाप्त होती गई।
दूसरे वक्ता, शिक्षाविद डॉ. ओपी सिंह ने सार्थक स्कूल के साथ अपने पुराने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने कुछ छात्रों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और मार्गदर्शन देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया, और आज वे सभी युवा अपना सफल व्यवसाय चला रहे हैं। उन्होंने बच्चों को समझाया कि पढ़ाई के साथ कमाई कैसे की जा सकती है और यह भी कि हर बच्चे को अपने जीवन का लक्ष्य स्पष्ट रूप से तय करते हुए वे जो बनना चाहते हैं, इसकी योजना अभी से बनाएं।
स्कूल की वाइस प्रिंसिपल ने सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त किया और इस पहल को विद्यार्थियों के जीवन में नई ऊर्जा और सोच देने वाला बताया। इस दौरान प्रिंसिपल संजीव अग्रवाल, श्रीमती सुमन शर्मा, अरुण जी और डॉ. बेनू राव भी उपस्थित रहे।