महर्षि वेद व्यास जयंती के उपलक्ष्य में काव्य संगोष्ठी का आयोजन
पंचकूला : अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की पंचकूला इकाई द्वारा हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी महर्षि वेद व्यास जयंती के उपलक्ष्य में काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्था की उपाध्यक्ष सोनिया बंसल के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत, परिषद् की हरियाणा प्रांत उपाध्यक्ष संतोष गर्ग ने अध्यक्षता निभाई। साहित्य कला सभ्याचार मंच, मोहाली के अध्यक्ष बाबू राम दीवाना मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय कवि संगम मोहाली के अध्यक्ष रंजन मगोत्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। ग़ज़ल गायक सोमेश गुप्त ने माँ शारदे की वंदना से समारोह का शुभारंभ किया एवं परिषद के महासचिव अनिल शर्मा ‘चिंतक’ ने संचालन किया। संस्था के अध्यक्ष बालकृष्ण गुप्ता ने अपने संबोधन में गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि सच्चे गुरु का मिलना भी नसीब की बात होती है। इसी संदर्भ में संस्था के मार्गदर्शक राजवीर सिंह ‘राज’ ने अपनी काव्य प्रस्तुति में कहा कि तुम्हें तुम से चुराने में जमाने तो लगे लेकिन, यकीनन अब तो मेरे हो गए हो तुम। आशा रानी माँ को समर्पित भाव प्रस्तुत करते हुए भावुक हो उठीं। गौरव शर्मा ने अपनी कविता के माध्यम से समाज को सच के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथि बाबूराम दीवाना ने कहा कि माता-पिता से बढ़कर बड़ा कोई दूसरा गुरु नहीं हो सकता। माता-पिता की सेवा सबसे बड़ा और पहला धर्म है। अध्यक्षीय संबोधन में संतोष गर्ग ने कहा कि गुरु ही हमें अच्छा-बुरा देखने की कला सिखाते हैं, उचित अनुचित क्या है इस ज्ञान का बोध करवाते हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त अंबाला से पधारीं माधुरी शर्मा ने भी गुरु को समर्पित भाव प्रस्तुत किए। नेहा शर्मा, परमिंदर सोनी, मंजू बिसला, सतपाल सिंह, आशा रानी, गौरव शर्मा, तरुण श्याम बजाज आदि ने भी गुरु चरण वंदना की। इसी के साथ कमल के सेवा भाव की सभी ने सराहना की।