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मुस्कुराता चेहरा लेकर आया नया साल…


नव संवत के उपलक्ष पर कवियों ने कविताओं से उद्गार किए व्यक्त

चण्डीगढ़ : अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने नव संवत् उपलक्ष्य में एक काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया। यह आयोजन परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा की ओर से किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में संवाद साहित्य मंच के अध्यक्ष प्रेम विज, विशिष्ट अतिथि की भूमिका अमेरिका से पधारी विद्याधाम संस्था की अध्यक्ष डॉक्टर सरिता मेहता ने निभाई। सबसे पहले विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित कर सभी अतिथियों को पुष्प व अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत सत्कार किया गया। चंडीगढ़ के जाने-माने गायक, संगीतकार सोमेश गुप्त द्वारा हे राम मधुर संगीत द्वारा समारोह का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का अति उत्तम संचालन डॉ. विनोद शर्मा द्वारा किया गया। साहित्य परिषद हरियाणा की प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ संतोष गर्ग ने समारोह की अध्यक्षता निभाई।

मुख्य अतिथि प्रेम विज ने कहा कि हम लंबे समय तक पराधीन रहे थे, सही शब्दों में नया साल आज आरंभ हुआ है। मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी के लिए नया साल मुस्कुराता चेहरा लेकर आए। हमारी कलम राष्ट्र के हित में कुछ नया लिखें। विशिष्ट अतिथि डॉ सरिता ने कहा कि ऐसा कुछ लिखें जिससे नव पीढ़ी को नया संदेश मिले, उनके मन में नई ऊर्जा भरें और संकल्पों में बहुत बल होता है नव वर्ष में हम शुभ संकल्प लें। अध्यक्षता निभाते हुए संतोष गर्ग ने कहा कि हम जो वो जाएंगे, कल वह अपने बच्चे पाएंगे। छाया लेंगे ठंडी ठंडी फल तोड़कर खाएंगे। नव पीढ़ी को दे जाएं हम नन्हा सा बस यह है उपहार। इस समारोह में संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष लाजपत राय गर्ग, डॉ संगीता शर्मा कुंद्रा, अमृत भूषण सोनी, आशा रानी, किरण प्रभा, राज विज, विमला गुगलानी, विश्वनाथ मिश्रा आदि साहित्यकारों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।

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