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तुलसी जयंती पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया रामायण पाठ : भक्ति की शक्ति पर संतों ने की चर्चा


चण्डीगढ़ : इंटरनेशनल ब्रह्म ऋषि मिशन द्वारा गुरूदेव ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावरा जी महाराज के आशीर्वाद से एवं ब्रह्मवादिनी स्वामी कृष्णाकान्ता जी महाराज की अध्यक्षता में गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती आज धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल से कई संत महात्मा एवं भक्तजन भी पहुंचे। मिशन की महामंत्री स्वामी मनीषा जी ने रामायण के अंतिम कांड उत्तर कांड पाठ का सस्वर गायन किया। इंटरनेशनल ब्रह्म ऋषि मिशन, चंडीगढ़ शाखा द्वारा तुलसी जयंती के उपलक्ष में महीना भर-घर घर जो रामायण पाठ रखे गए थे, आज उन पाठों कों पूर्णाहुति की गई। सभी श्रद्धालु अपने-अपने सिर पर अपनी रामायण लेकर बड़े सम्मान पूर्वक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। हजारों श्रद्धालुओं ने आज सामूहिक रूप से रामायण पाठ किया। तुलसी जयंती के उपलक्ष में तीन दिवसीय श्री रामायण ज्ञान यज्ञ आयोजित किया गया जिसमें कथा व्यास स्वामी डॉ. मनीषा जी ने श्री राम कथा सुनाकर श्रोताओं को आनंद विभोर कर दिया। तुलसी जयंती समारोह में हॉलैंड से स्वामी दिनेश्वरानंद भी विशेष रूप से पहुंचे। इस अवसर पर मिशन की अध्यक्षा स्वामी कृष्ण कांता जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि राम नाम का चिंतन और जाप यदि किया होगा और परमात्मा के प्रति अनंत प्रेम होगा तभी भगवान के दर्शन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुदेव ब्रह्म ऋषि विश्वात्मा बावरा जी महाराज ने देश विदेश में रामायण का खूब प्रचार किया। लुधियाना मे जब ब्रह्म ऋषि बावरा जी महाराज ने रामायण का प्रचार किया तो लोग राम नाम के दीवाने हो गए। राम नाम के प्रभाव से प्रलय को भी लांघ सकते हैं।


स्वामी मनीषा जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान राम का भक्त जो कर सकता है वह कोई और नहीं कर सकता। रामायण में भक्ति मुख्य मानी गई है। भक्ति के साथ ज्ञान का होना भी जरूरी है। यदि ज्ञान नहीं है तो भक्ति के स्वरूप को जान नहीं सकते। ज्योति का प्रकाश श्री राम है। राम नाम‌ की‌ महिमा का‌ गुणगान करते हुए उन्होंने समझाया कि नाम जप में अनंत शक्ति है इसलिए प्रभु के नाम का जाप अवश्य करें। दृढ संकल्प से किया‌ गया‌ कार्य अवश्य पूरा होता है। उन्होंने कहा कि जब भी इस धरती पर अधर्म बढा तब स्वयं भगवान ने इस धरा धाम पर प्रकट होकर धर्म की रक्षा की और अधर्म का‌ नाश किया। अबोहर से पधारी स्वामी ब्रह्मऋता जी स्वामी भक्ति मणि स्वामी आदित्य भारती स्वामी गुरु प्रिया स्वामी भुवनेश्वरी स्वामी सिद्धेश्वरी और हॉलैंड से पधारे स्वामी दिनेश्वरानंद ने भी राम नाम का गुणगान किया और प्रवचन करते हुए कहा कि भक्ति में ही अनंत शक्ति है। इस अवसर पर मीनाक्षी मनचंदा ने मधुर भजन के माध्यम से तुलसीदास जी की भक्ति का गायन कर श्रोताओं को आनंदित किया। सत्संग प्रवचनों के बाद विशाल भंडारा भी लगाया जाएगा।

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