स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग हमारी संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने में सहायक : राजेश गोयल
पंचकूला : राजकीय संस्कृति स्कूल सेक्टर 26, पंचकूला में स्वदेशी एवं स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत 11वीं कक्षा के विधार्थियों के साथ चर्चा हुई और उन्हें स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के बारे में बताया। राजेश गोयल, संयोजक, उत्तर क्षेत्र ने कहा वर्तमान समय में, वैश्वीकरण ने दुनिया को एक वैश्विक बाजार में बदल दिया है, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने में सहायक है, बल्कि यह हमारे देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल स्थानीय उद्योगों और कारीगरों को प्रोत्साहित करता है, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होते हैं। यह हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम होने से हमारी मुद्रा का मूल्य बढ़ता है और व्यापार में घाटा कम होगा। इसके अलावा, स्वदेशी वस्तुएं अक्सर पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और उनके निर्माण में पारंपरिक विधियों का उपयोग किया जाता है, जो हमारे पर्यावरण के संरक्षण में सहायक होता है। इसके साथ ही, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग हमारे सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक तरीका भी है, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियाँ अपनी संस्कृति से जुड़े रह सकें। उन्होंने इस मौके पर सभी बच्चों को शपथ भी दिवाई की वो हमेशा स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें और सभी को इस बारे में अवगत करवाएं इस मौके पर स्कूल के प्रधानाचार्य संजीव अग्रवाल, सुनील गोयल, डॉ. वेणु राय, किरण गोयल, पुष्पा सिंगरोह, डॉ.ओपी सिंह, डॉ,सुल्तान, सुनीता अग्रवाल, डॉ.राजेश गोयल, अशोक मुंजाल व अन्य उपस्थित हुए।