देहरादून में खुला उत्तराखंड का पहला आधुनिक जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र
देहरादून। दिव्यांगजनों के लिए राहत की बड़ी पहल करते हुए गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में उत्तराखंड का पहला जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (DDRC) शुरू हो गया है। इस केंद्र में दिव्यांगजन एक ही छत के नीचे प्रमाण पत्र, कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, फिजियोथेरेपी, काउंसलिंग, आधार पंजीकरण व अपडेट और रोजगार प्रशिक्षण जैसी सभी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
इस केंद्र का उद्घाटन महापौर सौरभ थपलियाल, विधायक खजानदास और पार्षद सुनीता मंजखोला ने किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी सविन बंसल और मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह भी मौजूद रहे।
डीएम सविन बंसल ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए केंद्र तक आने-जाने के लिए स्पेशल डेडिकेटेड वाहन भी उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य की करीब 20% आबादी किसी न किसी रूप में दिव्यांगता से प्रभावित है, ऐसे में यह केंद्र उनके जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
महापौर सौरभ थपलियाल ने इसे “सशक्त दिव्यांग, सशक्त समाज” की दिशा में मील का पत्थर बताया। कार्यक्रम में दिव्यांग छात्रों को पुरस्कार दिए गए और ज़रूरतमंदों को श्रवण यंत्र भी वितरित किए गए।
यह केंद्र भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार समाज कल्याण विभाग की देखरेख में नोडल एजेंसी डीडीआरसी देहरादून मुनीशाभा सेवा सदन एवं पुनर्वास संस्थान द्वारा संचालित किया जाएगा। इसमें विशेष शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, काउंसलिंग और सहायक उपकरण वितरण जैसी सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।