फोर्टिस मोहाली में नॉन-सर्जिकल टीएवीआर प्रोसीजर से 62 वर्षीय रोगी को मिली नई जिंदगी
उत्तराखंड लाइव, चंडीगढ़ | 27 सितंबर 2025
फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली की कार्डियोलॉजी टीम ने 62 वर्षीय मरीज का ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) करके नई जिंदगी दी। मरीज जटिल हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण पारंपरिक सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं थे। इस प्रोसीजर का नेतृत्व डॉ. आर.के. जसवाल, हेड, डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी और डायरेक्टर, कैथलैब्स ने किया।
प्रोसीजर की खास बातें
टीएवीआर प्रोसीजर मिनीमल-इनवेसिव है और इसमें ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। इस तकनीक के माध्यम से रोगग्रस्त एओर्टिक वाल्व को बदलकर रक्त प्रवाह को तुरंत नियंत्रित किया जाता है। इस मरीज का मूल वाल्व अत्यधिक अवरुद्ध और कैल्सीफाइड था, इसलिए ग्रोइन वेन से दिल तक विशेष मार्ग का उपयोग कर नया वाल्व इम्प्लांट किया गया।
मरीज की रिकवरी
प्रोसीजर के बाद रोगी की तीव्र रिकवरी हुई और तीन दिन में छुट्टी दी गई। रोगी पहले सांस लेने में तकलीफ और थकान से परेशान थे। डॉ. जसवाल के अनुसार, टीएवीआर ओपन-हार्ट सर्जरी का एडवांस्ड और मिनीमल-इनवेसिव विकल्प है, जो गंभीर एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस और जन्मजात हृदय रोगों में भी उपयोगी साबित होता है।
विशेषज्ञों का मानना
डॉ. जसवाल ने बताया कि यह प्रोसीजर India Valve 2025 में पेश किया गया, जो दुनिया भर के विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट के लिए अनुभव साझा करने का एक प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म है। टीएवीआर तकनीक से मरीजों को सीने में दर्द, चक्कर और सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और रक्त प्रवाह सामान्य होता है।



