70% शहरी लोग मोटापे से ग्रस्त: डॉ. अमित गर्ग
भारत दुनिया का तीसरा सबसे अधिक मोटापे से ग्रस्त देश: डॉ अरुणांशु बेहरा
चंडीगढ़ 2 मार्च: लैंसेट स्टडी के अनुसार भारत की शहरी आबादी का 70 प्रतिशत चिंताजनक रूप से मोटापे या अधिक वजन वाले वर्ग में है। मोटापे से ग्रस्त लोगों की सबसे अधिक संख्या वाले शीर्ष 10 देशों की इस वैश्विक खतरे की सूची में भारत अमेरिका और चीन से पीछे है।
आज यहाँ वर्ल्ड ओबेसिटी डे के अवसर पर मोटापे से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों पर मीडिया से बात करते हुए सीनियर बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जन डॉ. अमित गर्ग ने साझा किया कि भारत की 30 मिलियन वयस्क आबादी मोटापे से ग्रस्त है। मोटापा व्यापक रूप से प्रचलित टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण है और आम तौर पर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, डिप्रेशन, मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं, बांझपन, हर्निया, कैंसर और हार्ट फेल होने का कारण भी है।
डायरेक्टर जीआई सर्जरी डॉ अरुणांशु बेहरा ने कहा, “यह एक आम मिथक है कि मोटापा अमीर लोगों की बीमारी है। दरअसल, मोटापा सिर्फ अधिक खाने से ही नहीं, बल्कि खान-पान की गलत आदतों को अपनाने से भी होता है। इसलिए, मोटापा अमीर और गरीब दोनों को पूरी तरह से प्रभावित कर सकता है। वज़न का 5-10 प्रतिशत भी कम करने से मोटापे के कारण होने वाली बीमारियाँ को रोका जा सकता है। लेकिन, ऐसी स्थितियाँ भी होती हैं जब मोटापे से निपटने के लिए अकेले सर्जरी ही सबसे अच्छा विकल्प होता है।
सर्जिकल विकल्पों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. अमित गर्ग ने कहा कि मरीज़ बेरिएट्रिक सर्जरी करवा सकते हैं । गैस्ट्रिक स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी में, स्टेपलर का उपयोग करके पेट का आकार कम कर दिया जाता है जिससे खाने का सेवन सीमित हो जाता है। गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी में, पेट की एक छोटी पॉकेट बनाने के लिए आंतों को स्टेपल करके पेट की क्षमता कम कर दी जाती है। ये ऑपरेशन लैप्रोस्कोपी द्वारा किए जाते हैं और कीहोल सर्जरी हैं।
बेरिएट्रिक सर्जरी मोटापे से ग्रस्त रोगियों को वजन घटाने की सर्जरी के बाद एक वर्ष के भीतर 60-70% अतिरिक्त वजन कम करने में मदद करती है। जो मरीज मधुमेह शुरू होने के पांच साल के भीतर मधुमेह या मेटाबोलिक सर्जरी कराते हैं, उनके टाइप 2 मधुमेह से ठीक होने की 90 से 95 प्रतिशत संभावना होती है। डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि 2019 में भारत में लगभग 20000 वजन घटाने वाली सर्जरी की गईं, जो कि सिर्फ दस साल पहले 800 से अधिक थीं। भारत की सरकार अब अपने 30 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए वजन घटाने वाली सर्जरी की लागत को कवर करती है, जिससे यह प्रक्रिया गैर-अमीर लोगों के लिए भी उपलब्ध हो जाती है। इसके अलावा, आजकल लगभग सभी बीमा कंपनियां बेरिएट्रिक सर्जरी को भी कवर कर रही हैं। ऐसे में पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराँचल और विदेशों से कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व से बहुत सारे मरीज़ बेरिएट्रिक सर्जरी करवाने के लिए ट्राइसिटी आ रहे हैं।