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हरियाणा राज्य सरकार द्वारा पेश हरियाणा ट्रैवल एजेंसियां का पंजीकरण और विनियमन अधिनियम एक ऐतिहासिक कदम : डॉ. अरविंद कादियान


चण्डीगढ़ : समाजसेवी तथा शिक्षाविद डॉ. अरविंद कादियान ने हरियाणा राज्य सरकार द्वारा पेश हरियाणा ट्रैवेल एजेंसियां का पंजीकरण और विनिमय अधिनियम को एक ऐतिहासिक कदम बताया है। डॉ. अरविंद कादियान, जोकि कनाडा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इमीग्रेशन कंसलटेंट हैं, ने साथ ही कहा कि लेकिन इस अधिनियम में इमीग्रेशन एजेंसी का इमीग्रेशन से संबंधित कोई बात नहीं की गई है। उनके मुताबिक पिछले दिनों भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि वीजा जैसी इमीग्रेशन सेवा के लिए लाइसेंस संबंधित देशों की सरकार कंसल्टेंट के तौर पर देती हैं। इसके लिए सम्बंधित देश की इमीग्रेशन एजेंसी द्वारा तय किया गया कोर्स करना पड़ता हैं।

इसको पूरा करने के बाद इमीग्रेशन कंसल्टेंसी का लाइसेंस दिया जाता है, जो उस देश के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी लाइसेंस धारी का नाम दर्ज होता हैं। उस कन्सल्टैंट व उसके द्वारा अधिकृत एजेंट को विश्व के किसी भी देश में उस देश की इमीग्रेशन से संबंधित काम करने के साथ सेवा देने का अधिकार होता है। प्रदेश सरकार ने जो अधिनियम बनाया, उसमें इमीग्रेशन कंसल्टेंसी की अर्हता का उल्लेख नहीं है। इसमें केवल ट्रैवल एजेंट और कामगारों को विदेश भेजने वाली एजेंसी की बात की गई हैं। जबकि इमीग्रेशन सेवाओं का इससे कोई लेना देना नहीं हैं। पंजाब – हरियाणा हाई कोर्ट में कबूतरबाजी तथा इमीग्रेशन से संबंधित धोखाधड़ी जैसे अपराधों को रोकने के लिए याचिका शिक्षाविद डॉ. अरविंद कुमार कादियान ने दायर की थी। इस पर हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ केंद्र सरकार को नोटिस देकर जवाब तलब किया था।

पंजीयन के समय संबंधित देश की सरकार द्वारा तय इमीग्रेशन कंसल्टेंसी के लाइसेंस की अनिवार्यता

डा. कादियान ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले आरटीआई के माध्यम से विदेश मंत्रालय से इमीग्रेशन से संबंधित सेवाओं के लिए लाइसेंस देने वाले से संबंधित जानकारी मांगी थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इमीग्रेशन सेवाओं के लिए लाइसेंस देना उनके या राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं। यह काम तो संबंधित देशों की सरकारों का हैं। वही इस काम को कर सकती हैं। राज्य सरकार पंजीयन करते समय तो यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि पंजीयन करवाने वाले के पास संबंधित देश का इमीग्रेशन कंसल्टेंसी का या फिर उसके प्रतिनिधि का लाइसेंस हैं या नहीं। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि बिना संबंधित देश की सरकार द्वारा जारी लाइसेंस के बिना कोई भी कंसल्टेंट के रूप में काम नहीं कर सकता हैं। इमीग्रेशन सेवाओं में स्टडी वीजा, टूरिस्ट वीजा, वर्क वीजा, विजिटर वीजा, पीआर सहित सेवाओं के लिए उस देश का लाइसेंस होना जरूरी हैं।
ट्रैवल एजेंट का काम केवल टिकट बुक करवाना, वीजा दिलवाना नहीं

ट्रैवेल एजेंट का काम तो केवल टिकट बुक करने से संबंधित काम हैं। आरटीआई के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया कि भारत सरकार इमीग्रेशन सेवाओं वर्क वीजा, स्टडी वीजा जैसी सेवाओं के लिए लाइसेंस नहीं देती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इमीग्रेशन सेवाओं से संबंधित धोखाधड़ी को रोकना चाहती है कि पंजीयन करते समय इमीग्रेशन सेवाओं के लिए संबंधित सरकार द्वारा जारी लाइसेंस को अनिवार्य कर दे। वहीं पर सरकार यह सुनिश्चित कर दे कि किसी भी सेवाओं वीजा या पीआर की फाइल लगाते समय कंसल्टेंट का रिप्रजेंटेशन पत्र अनिवार्य कर दे जिससे गलत काम करने वालों को पकड़ा जा सके। इससे कबूतर बाजी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। इससे पहले पंजाब सरकार ने भी इस तरह का कानून बनाया लेकिन यह कानून अपराध रोकने में कारगर साबित नहीं हुआ। सरकार को इसमें और अधिक प्रावधान जोड़ कर इसे प्रभावी बनाया जा सकता है।

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