मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से पासआउट छात्रा का एम्स दिल्ली मे डीएम न्यूरो एनेस्थिसियोलॉजी में हुआ चयन
मेडिकल कॉलेज श्रीनगर ने खुशी जताते हुए डॉ. चित्रा प्रभा सौन को किया सम्मानित।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र- छात्राओ से अपने गोल्डन अनुभवो से किया प्रेरित।
डॉ. चित्रा ने भावी डॉक्टरों से मुखातिब होते हुए दिये सफलता के टिप्स।
श्रीनगर। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के लिए खुशखबरी है कि यहां से पास आउट छात्र-छात्राएं अब देश के नामी अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे है। बैच 2014 की छात्रा डॉ. चित्रा प्रभा सौन ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद एम्स जोधपुर से एमडी एनेस्थीसिया से पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका चयन एम्स दिल्ली में न्यूरो एनेस्थिसिया एवं न्यूरो-क्रिटिकल केयर में सुपर स्पेशलिटी डीएम कोर्स के लिए हुआ है। यहीं नहीं डीएम कोर्स में डॉ. चित्रा ने प्रथम रैक प्राप्त की है। डॉ. चित्रा का चयन होने पर वह मेडिकल कॉलेज श्रीनगर पहुंची और कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत इस बात की खुशखबरी सुनाई तो प्राचार्य ने डॉ. चित्रा को सम्मानित करते हुए बधाई दी व एमबीबीएस मे अध्ययनरत छात्र छात्राओ को अपने अनुभव व सफलता के मन्त्र बताने को कहा। डॉ चित्रा ने बिना देर किए अपनी सहमति दी।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली डॉ. चित्रा प्रभा सौन का चयन सुपर स्पेशलिटी डीएम कोर्स के रूप में अध्ययनरत पर होने पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने अन्य छात्रों के प्ररेणा मिले, इसके लिए एक सीएमई आयोजित कराई। जिसमें एमबीबीएस में पढ़ रहे छात्र-छात्र-छात्राओं को डॉ. चित्रा ने डॉक्टरी पेशे में सफलता के मंत्र बताये। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस करने के बाद उसी विषय पर फोकस करना चाहिए, जिसमें आपकी रूचि हो, अन्यथा दबाव में लिये गये विषय पर कभी भी 100 प्रतिशत कार्य नहीं कर पायेगे। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण होता है कि मरीज के प्रति आप कितने गंभीर है। मरीज ही हमारा बिषय है। मरीजों से बेहतर संवाद के बाद ही सही बीमारी पता चलती है व साथ ही साथ हमें बहुत सीखने को मिलता है और तभी हम चिकित्सक सही उपचार कर पाते है । उन्होने कहा कि सीखने की सतत ललक होनी चाहिए और धैर्य के साथ बेहतर वातारण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
डॉ. चित्रा ने कहा कि एनेस्थसिया में पढ़ाई के दौरान कम ही रूचि लेते थे, किंतु एनेस्थिसिया विषय को कोविड महामारी के समय काफी महत्वपूर्ण समझा गया। उन्होंने पढ़ाई के दौरान छात्रों को सभी विषयों को गंभीरता से लेने का आह्वान किया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि एमबीबीएस बेच 2014 की छात्रा डॉ. चित्रा का एम्स दिल्ली के में सुपर स्पेशलिटी डीएम न्यूरो एनेस्थीसिया मे चयन होना हम सबके लिए बड़ी खुशी का समाचार है। वह यहा पर अध्ययनरत सभी एमबीबीएस छात्र – छात्राओ के लिए प्रेरणास्रोत है। सभी छात्र छात्रों को उनके द्वारा बताये अनुभव व बातों पर मनन कर आगे बढ़ते रहना है । सीखने की ललक और मरीज से ही सबसे ज्यादा सीखने को मिलता है क्यो कि मरीज ही हम सबका गुरू भी है व देवदूत भी है। कभी भी ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होना है अपितु सतत व्यावहारिकता मे रहना है तथा जानकारी होने पर भी भी गलती नहीं करनी है। इस मौके पर डॉ नियती ऐरन, डॉ. अनिल द्विवेदी, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, डॉ. विक्की बख्शी, डॉ. सुरेन्द्र सिंह सहित राजकीय मेडिकल कॉलेज छत्तीसगढ की निदेशक प्रोफेसर ( एनाटोमी) और एमबीबीएस बैच 2022 के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।