हेपेटाइटिस को रोकने के लिए हर स्तर यथा जागरूकता, बचाव, टीकाकरण व ईलाज पर मजबूती से कार्य करना का समय-प्राचार्य
मेडिकल कॉलेज में विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर हुई कार्यशाला
श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में “विश्व हेपेटाइटिस दिवस” की थीम ’इट्स टाइम फॉर एक्शन’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हेपेटाइटिस से वचाव, निदान और उपचार के साथ ही जानकारी व टीकाकरण पर मजबूती से कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। जबकि हेपेटाइटिस बीमारी को लेकर एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के बीच क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कर सभी टीम को पुरस्कार वितरण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ के मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कि हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही इसकी रोकथाम के लिए वचाव, हेपेटाइटिस का टीकाकरण व ईलाज पर मजबूती से कार्य करने का आह्वान किया गया। हिपेटाइटिस बी-वायरस (एचबीवी) के खोजकर्ता नोवेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारुक ब्लमबर्ग, जिन्होने वायरस के लिए परीक्षण और टीका विकसित किया था। उनकी जयंती के अवसर पर 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाकर उन्हें याद किया जाता है। इस साल ’इट्स टाइम फॉर एक्शन’ थीम इसलिए ही दी गई कि अब हेपेटाइटिस को रोकने के लिए मजबूती से हर स्तर पर कार्य करने का समय आ गया है, जिस तरह से डब्ल्यूएचओ द्वारा हेपेटाइटिस से संक्रमण व मरने वालों की आंकड़े बढत की ओर दर्शाये जा रहे है। यह हमे सतर्क कर रहा है। इस मौके पर अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केएस बुटोला ने वायरल हेपेटाइटिस के विभिन्न बीमारियों एवं उनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। माइक्रोबायोलॉजी की एचओडी डॉ. विनीता रावत ने वायरल हेपेटाइटिस का निदान की जानकारी, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जानकी बर्त्वाल ने हेपेटाइटिस का भारत ही नहीं पूरे विश्व पर पड़ रहे प्रभाव व बोझ के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को साझा किया। फार्माकोलॉजी विभाग के डॉ. किंगसुग लाहोन ने नशीली दवाओं के कारण लीवर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. सुरेन्द्र सिंह सहित संकाय सदस्य, पीजी जेआर, एमबीबीएस एवं पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुति के साथ प्रतिभाग किया।