डेराबस्सी नगर परिषद की मासिक बैठक आयोजित
डेराबस्सी (दयानंद /शिवम) डेराबस्सी नगर परिषद कार्यालय में पार्षदों की मासिक बैठक प्रधान श्रीमती आशु उपनेजा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें विभिन्न विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए समेत कई प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गए। सबसे अहम प्रस्ताव रहा शहर के सबसे पुराने श्मशानघाट रामबाग को लेकर रहा। रामबाग की देखरेख अब एक निजी परिवार की बजाय खुद नगर परिषद ने भारत विकास परिषद के साथ अपने हाथों में ले ली है। इसके सौंदर्य करण के लिए परिषद ने 30 लाख रुपए का बजट भी मंजूर किया है।
दरअसल, नगर परिषद को भारत विकास परिषद के प्रधान सुरेंद्र अरोड़ा का एक पत्र एसडीएम की मार्फत 1 अगस्त को मिला था। इसमें जिक्र था कि रामबाग की देखरेख की कोई भी कमेटी नहीं है। शहर के एक परिवार द्वारा ही इसकी देखरेख की जा रही है जिसमें मनमर्जी के साथ काम किया जाता है। यह भी आरोप था कि पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए लोगों से लकडिय़ों के अलग-अलग दाम वसूले जाते हैं जिसकी रसीदें भी पत्र के साथ संलग्न थी पर इनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे आम पब्लिक को काफी दिक्कत पेश आ रही थी। भारत विकास परिषद में यह फैसला लिया कि देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें दी जाए क्योंकि परिषद साल 2009 से रामबाग की ब्यूटीफिकेशन संबंधी काम करती आ रही है।
जानकारी देते हुए नरेश उपनेजा ने बताया कि लोगों को पेश आ रही दिक्कतों के मद्देनजर रामबाग की देखरेख का काम नगर परिषद ने भारत विकास परिषद के साथ संयुक्त रूप से अपने हाथ ले लिया है। इसमें भारत विकास परिषद के अलावा नगर परिषद के प्रधान सहित शहर के सात वार्डों के पार्षदों की कमेटी को रामबाग की केयरटेक का जिम्मा सौंपा गया है। इतना ही नहीं, शमशान घाट के सौंदर्यकरण के लिए 30 लाख रुपए की लागत से वहां दो पहिया पार्किंग, बाथरूम्स की रेनोवेशन और ब्यूटीफिकेशन का काम छेड़ा जाएगा। जरूरत पड़ी तो वहां पर कमेटी अपना कर्मी भी तैनात कर सकती है।
परिषद दूसरे अहम पारित प्रस्ताव के तहत फैसला किया है कि डेराबस्सी शहर में नाजायज तौर पर चल रहे टिप्परों से रोड मेंटेनेंस शुल्क लिया जाएगा। इन टिपरों की आवाजाही से नगर परिषद की सड़कों को न केवल नुकसान पहुंच रहा है बल्कि इनकी वजह से हादसे और जाम की शिकायतें भी आई हैं। इसी के चलते शहर की सड़कें इस्तेमाल करने पर इन टिपरों से रोड मेंटेनेंस चार्ज वसूला जाएगा। नाजायज तौर पर चल रहे भारी भरकम टिप्परों की आवाजाही दिन में बंद की जाएगी। यह भारी भरकम टिप्पर अब रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक ही शहर की सड़कों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
एक अन्य अहम प्रस्ताव के तहत फैसला लिया गया कि शहर के रिहायशी इलाकों में शराब के ठेके और मीट की दुकानें बंद कराई जाएंगी। मीट की दुकान केवल म्युनिसिपल मीट मार्केट में ही चलेंगी जबकि रिहायशी क्षेत्र में धड़ाधड़ खुल रहे शराब ठेकों को बंद करने के लिए सरकार को लिखा जाएगा। इस मौके पर कार्यकारी अधिकारी विजय मित्तल समेत सभी 19 पार्षद मौजूद थे।