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अगर दुनिया वालों मोहब्बत ना होती, किसी को किसी की जरूरत ना होती…


गीत-संगीत से मनाया गया शहर के तीन वरिष्ठ साहित्यकारों का जन्म दिन

चण्डीगढ़ : शहर के तीन प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रेम विज, डा. सरिता मेहता और आरके भगत का जन्म दिन गीत संगीत से धूमधाम से आज कम्युनिटी सेंटर 43 के सभागार में मनाया गया। जिस में आचार्यकुल के अध्यक्ष के. के. शारदा, पार्षद प्रेम लता और शास्त्रीय गायिका कोलकाता से पधारी डा. संगीता चौधरी, अध्यक्ष मंडल में शामिल थीं। कार्यक्रम का आयोजन आचार्यकुल चंडीगढ़ से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में कवयित्री और गायिका पल्लवी रामपाल ने प्रेम विज के लिखे गीत- अगर दुनिया वालों मोहब्बत ना होती/किसी को किसी की जरूरत ना होती। मधुर आवाज में प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। अमेरिका से डा. सरिता मेहता ने गीत के माध्यम से कहा- सुंदर सुरभित अपनों से, खिला सदा संसार रहे। डॉ. विनोद शर्मा ने कविता के माध्यम से कहा- क्या बताऊं वह कैसी थी मुलाकात, चाहता था उन से मिलना, जिस ने साहित्य को आयाम दिया। डा. संगीता चौधरी ने गीत पेश किया- कहते हैं सारे हंसते नजारे, खुशियां लुटाए चला जा। डा. अनीश गर्ग और डा. प्रज्ञा शारदा ने भी खुशियों भरी कविताएं सुनाई।


केके शारदा ने वर्षों पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए बताया कि वर्षों से इन साहित्यकारों का जन्मदिन मनाया जा रहा है, इन तीनों का जन्म दिन एक ही दिन यानी 15 नवंबर है। पूर्व आईएएस अधिकारी उषा आर शर्मा और डॉ. उमा शर्मा ने अपने जज्बात पेश करते कहा कि वे भी दिन क्या थे, कि समय पंख लगा कर उड़ जाता था। कृष्ण आर्य ने रचना प्रस्तुत करते हुए कहा- शब्द नहीं मिलते। डेजी बेदी जुनेजा, विमला गुगलानी, डॉ. संगीता शर्मा कुन्दरा, राशि श्रीवास्तव, अन्नु रानी शर्मा ने कविताओं से खूब तालियां बटोरी। शायर अशोक नादिर ने कहा- आप सभी के चेहरे मुस्कुराते रहे। संगीत के प्राध्यापक व गायक सोमेश गुप्ता और सुरजीत सिंह धीर ने गीत-संगीत से अपनी बधाई दी। गुरदर्शन मावी आदि ने पजाबी की रचनाएं पेश कर खूब वाहवाही लूटी। पार्षद प्रेम लता, राज विज, हरेंद्र, सिन्हा, सतपाल सिंह, गुरदीप कौर गुल, शीनू वालिया और अनेक कवियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

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