सलूर डूंगरा में ‘रम्माण’ के अंग्रेज़ी संस्करण का लोकार्पण।
आशीष लखेड़ा/जोशीमठ/उत्तराखंड लाइव: उत्तराखंड के जोशीमठ के समीप स्थित सलूर डूंगरा गांव में आज पारंपरिक लोक उत्सव ‘रम्माण’ का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर लेखक गांव के नालंदा पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र तथा बिन्सर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित “रम्माण” के अंग्रेज़ी संस्करण का लोकार्पण भी संपन्न हुआ।
गौरतलब है कि यह लोक परंपरा यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित की जा चुकी है। ‘रम्माण’ एक विशिष्ट लोक उत्सव है, जिसमें मुखौटा नृत्य की विविध विधाएं, पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों के साथ सामंजस्य बनाते हुए प्रस्तुत की जाती हैं। इसे संरक्षित रखने में स्थानीय ग्रामीणों और लोक कलाकारों की अहम भूमिका रही है।
पुस्तक का लोकार्पण आयोजन समिति की उपस्थिति में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी, बद्रीनाथ के विधायक लखपत भंडारी, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद, डॉ. कुशल भंडारी और पर्यटन परिषद द्वारा आयोजित फेम टूरिज्म यात्रा में भाग ले रहे लोकप्रिय ब्लॉगर्स की उपस्थिति में हुआ।
यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और देश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा लिखी गई है, जिसका अंग्रेज़ी अनुवाद लेखिका नीरजा कुकरेती ने किया है। विश्व धरोहर रम्माण पर आधारित यह पहली उपहार पुस्तक है, जो इस अद्भुत परंपरा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।