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डॉ. साज़ीना ख़ान को दुबई में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ग्लोबल लिटरेरी लीजेंड अवार्ड से सम्मानित किया गया


चंडीगढ़ : साहित्य, शिक्षा और जीवन कोचिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शहर की प्रख्यात लेखिका, शिक्षिका और मोटिवेशनल वक्ता डॉ. साज़ीना ख़ान को दुबई में आयोजित ग्लोबल बिज़नेस लीडर्स समिट एंड इन्फ्लुएंसर्स अवार्ड्स 2025 के दौरान ग्लोबल लिटरेरी लीजेंड अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन दुनिया भर के दूरदर्शी नेताओं, चेंज मेकर्स और रचनात्मक हस्तियों को समर्पित था, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता दी गई।

डॉ. साज़ीना ख़ान को यह सम्मान याकूब अल अली और डॉ. ओमर मोहम्मद जुबैर मोहम्मद अलमर्ज़ू की जैसे प्रतिष्ठित अतिथियों के हाथों मिला। इस भावुक क्षण को उन्होंने “शब्दों की ताक़त का एक मौन सत्यापन” बताया। उन्होंने कहा कि एकांत में लिखे गए शब्दों को वैश्विक मंच पर पहचान मिलना इस बात का प्रमाण है कि साहित्य सीमाओं से परे जाकर दिलों को छू सकता है।

डॉ. ख़ान ने “ग्रोथ माइंडसेट” पर एक प्रेरणादायक कीनोट भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपनी हाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला—सातवीं पुस्तक का संपादन, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहभागिता और लगातार मिलते सम्मान। उन्होंने कहा कि सफलता का अर्थ अराजकता की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि उसके बीच अपने उद्देश्य को शालीनता से निभाना है।

साहित्य के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रबल समर्थक डॉ. ख़ान का मानना है कि साहित्य सिर्फ़ आईना नहीं, दिशा भी दिखाता है। उन्होंने कहा कि मेरे लेखन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महिलाएं केवल पात्र न हों, बल्कि अपने भाग्य की रचनाकार भी बनें।

उनकी बेस्टसेलिंग कृतियाँ—द चैम्बर ऑफ एक्सप्रेशंस टू व्हिसपेर्स दैट रोअर्स—दुनियाभर के पाठकों से जुड़ाव बनाती हैं, जिनमें भावनात्मक गहराई और सामाजिक अंतर्दृष्टि स्पष्ट रूप से झलकती है। डॉ. ख़ान ने एक गहरे अनुभव को साझा करते हुए बताया कि एक पाठिका ने उन्हें पत्र लिखा, जिसमें उसने बताया कि उनकी एक कविता ने उसे अपने बच्चे को खोने के शोक से उबरने में मदद की—उस क्षण से उनका लेखन व्यक्तिगत अभिव्यक्ति से सामाजिक प्रभाव की ओर मुड़ गया।

वर्तमान में डॉ. साज़ीना ख़ान अपनी सातवीं पुस्तक को अंतिम रूप दे रही हैं और यूएई बुक फोरम के तहत कम प्रतिनिधित्व वाले लेखकों का मार्गदर्शन कर रही हैं। वे आगामी मेसेज, मिस मिस्टर, यूनिवर्स क्वीन (13 जुलाई) और मेसेज इंडिया मिडिल ईस्ट. जैसे अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में जूरी सदस्य और ग्रूमिंग कोच के रूप में भी अपनी भूमिका निभाएंगी।
अपने समापन वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार केवल मेरा नहीं है, यह हर उस आवाज़ का है जो कभी कांपी, लेकिन फिर भी बोलने का साहस किया।

उभरते लेखकों के लिए उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि आपकी कहानी किसी और की ज़िंदगी बचा सकती है। इसे साहस के साथ कहें।

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