मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी और रोबोटिक सर्जरी, कार्डियक सर्जरी का भविष्य: डॉ. एचएस बेदी
चंडीगढ़ : चेयरमैन कार्डियो थोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी डॉ. एचएस बेदी, कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सचिन बंसल, कंसल्टेंट कार्डियक एनेस्थीसिया डॉ. प्रियंका गोयल और सीईओ डॉ. रोहित जसवाल सहित पार्क हॉस्पिटल, मोहाली की एक टीम ने शुक्रवार को यहां युवा भारतीयों में हृदय रोग के बढ़ते चलन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

पार्क हॉस्पिटल्स उत्तर भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नेटवर्क है, जिसमें 19 अस्पताल, 3500 बेड, 800 आईसीयू बेड, 14 कैथ लैब, 45 मॉड्यूलर ओटी और 1000 से अधिक डॉक्टर हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. एचएस बेदी ने कहा कि पार्क अस्पताल मोहाली कार्डियक साइंस के लिए एक्सीलेंस ऑफ़ सेंटर है, जिसमें प्राथमिक एंजियोप्लास्टी, जटिल एंजियोप्लास्टी, बायवेंट्रीकुलर पेसमेकर (सीआरटी), कॉम्बो डिवाइस, आईसीडी, कैरोटिड आर्टरी स्टेंटिंग, टीएवीआर/टीएवीआई, पेरीफेरल आर्टरी और घुटने के नीचे के इंटरवेंशन, एओर्टिक डायसेक्शन का प्रबंधन, एओर्टिक एन्यूरिज्म, सभी प्रकार की सीटीवीएस सर्जरी जैसे सीएबीजी, वाल्व प्रतिस्थापन, एएसडी, वीएसडी (दिल में छेद) जैसी सभी सुविधाएं पार्क अस्पताल मोहाली में एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं।
डॉ. एचएस बेदी ने आगे बताया कि,35 साल से अधिक पुरुषों में दिल के दौरे के मामले में भारत दुनिया में शीर्ष पर है और अगले दशक तक हृदय रोग भारत में मृत्यु और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण होगा। हृदय रोग से पीड़ित लोगों की औसत आयु कम हो रही है और इन दिनों हमारे पास 25 वर्ष से कम उम्र के मरीज दिल के दौरे के साथ हमारे पास आ रहे हैं।“
डॉ. बेदी ने यह भी बताया कि आजकल मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी और रोबोटिक सर्जरी बड़े पैमाने पर सामने आ रही है और ये तकनीकें कार्डियक सर्जरी का भविष्य बनने जा रही हैं।
डॉ. सचिन बंसल ने बताया कि भारत में लगभग 30 मिलियन लोग कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित हैं। भारत में जल्द ही दुनिया में हृदय रोग के सबसे ज्यादा मामले होंगे। इसके अलावा भारत में 27% मौतें हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होती हैं।
डॉ. सचिन ने यह भी बताया कि इस वर्ष विश्व हृदय दिवस की थीम ‘डोंट मिस अ बीट’ लोगों को अपने हृदय स्वास्थ्य के प्रति सक्रिय, चेतावनी के संकेतों को नज़रअंदाज़ न करके, नियमित जाँच करवाकर और हृदय-स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और सतर्क रहने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह इस बात पर ज़ोर देता है कि हृदय स्वास्थ्य की निरंतर देखभाल और ध्यान से अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। दुनिया की कुल हृदय रोग संबंधी समस्याओं में भारत का योगदान 60% है, जबकि यहाँ वैश्विक जनसंख्या का 20 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है।डॉ. प्रियंका गोयल ने कहा, अब बड़ी संख्या में युवा भारतीय अपनी खराब जीवनशैली के कारण कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित हैं, और अगर यह जारी रहा तो भविष्य और भी खतरनाक दिखता है।



