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एआईसीएफबी नॉर्थ ज़ोन चेस चैंपियनशिप फॉर द विजुअली चैलेंज्ड शुरू


प्रशासन दिव्यांगजनों के लिए अधिक अवसर सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है : सौरभ कुमार अरोड़ा, निदेशक, खेल विभाग

चण्डीगढ़ : नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (एनएबी) ऑल इंडिया चैस फेडरेशन फॉर द ब्लाइंड (एआईसीएफबी), खेल विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन और फेडरल बैंक लिमिटेड के सहयोग से नेत्रहीनों के लिए नार्थ जोन शतरंज चैंपियनशिप-2025 का शुभारम्भ आज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सेक्टर 39 में सौरभ कुमार अरोड़ा, निदेशक, खेल विभाग, चण्डीगढ़ ने किया।

एनएबी के अध्यक्ष विनोद चड्ढा ने बताया कि यह प्रतिष्ठित चैंपियनशिप उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों से आए 80 से अधिक नेत्रहीन शतरंज खिलाड़ियों को एक मंच पर लाएगी, जहां वे अपनी प्रतिभा और रणनीतिक सोच का प्रदर्शन करेंगे। इस प्रतियोगिता के शीर्ष खिलाड़ी एआईसीएफबी राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए चयनित किए जाएंगे, जबकि उत्कृष्ट युवा खिलाड़ियों का चयन जूनियर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप के लिए किया जाएगा।

इस अवसर पर बोलते हुए सौरभ कुमार अरोड़ा ने प्रतिभागियों और आयोजन से जुड़े संस्थानों की सराहना करते हुए कहा कि इन दृष्टिबाधित खिलाड़ियों का संकल्प, अनुशासन और प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। चंडीगढ़ प्रशासन समावेशी खेलों को बढ़ावा देने और दिव्यांगजनों के लिए अधिक अवसर सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप की मेज़बानी कर, विशेष खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत आधार बनाना चाहते हैं, जिससे एक समावेशी और समान खेल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके।इस चैंपियनशिप के आधिकारिक प्रायोजक फेडरल बैंक की बिजनेस हेड सुश्री अंशधा गुप्ता ने दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के अद्वितीय साहस और संकल्प की प्रशंसा की और इस प्रेरणादायक आयोजन का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पहल फेडरल बैंक की सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड की स्थापना 1952 में मुंबई में हुई थी। इसकी देशभर में 22 राज्य शाखाएँ, 68 जिला शाखाएँ और 11 नेत्रहीन कल्याण संस्थाएँ हैं, और यह भारत में दिव्यांग क्षेत्र की सबसे बड़ी गैर-लाभकारी संस्था है।

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