प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल : एक गतिशील नेतृत्व
प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल : एक गतिशील नेतृत्व
दून विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह कई मामलों में अनूठा और अनुपम रहा । इस तरह का शानदार आयोजन अन्य विश्वविद्यालयों के लिए नज़ीर बन सकता है । खुद मुख्य वक्ता और इसरो के पूर्व चेयरमैन , डॉ के. सीवन ने प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल के गतिशील और प्रभावशाली नेतृत्व को श्रेय देते हुए उनकी मुक्त कंठ प्रशंसा की।
विशेषकर दून विश्वविद्यालय के अनेक देशों के साथ हुए एम.ओ.यू. को एक उपलब्धि बताई । इसमें संदेह नहीं है कि प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल के नेतृत्व में तमाम संकटों और बाधाओं के बाद भी दून विश्वविद्यालय का ढांचागत विकास , उद्यमिता को राष्ट्रीय स्तर पर इसकी छवि को एक नया आयाम मिला है । कार्यक्रम में कुलाधिपति ने और राज्यपाल गुरमीत सिंह ने भी कुलपति के कार्यों की प्रसंशा करते हुए उन्हें असाधारण क्षमता वाली महिला बताया । निश्चित रूप से कुलपति के नेतृत्व में उनकी टीम ने जिस अनुशासित और व्यवस्थित ढंग से कार्यक्रम का आयोजन किया , उसकी मिसाल कम ही देखने को मिलती है । कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रोफेसर एच.सी. पुरोहित और संगीत संयोजन कर रहे डॉक्टर राकेश भट्ट , भी धन्यवाद के पात्र रहे हैं। प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने अपने कार्यकाल में पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और फिर इसरो के चीफ , डॉ के. सीवन को विश्वविद्यालय में आमंत्रित कर अपनी राष्टीय सोच और असाधारण क्षमता का भी परिचय दिया है । दून विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई ।