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चंद्रयान-3 के नायक एस सोमनाथ को ‘भारत रत्न’ पुरस्कार देने की अविलंब सिफारिश हो—-

विदित है कि आगामी 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र आहूत किया गया है। राजनीति के प्रख्यात पंडितों ,पत्रकारों और राजनीतिज्ञ द्वारा इस विशेष सत्र में एक दल देश एक चुनाव, यूनिफॉर्म सिविल कोड, महिला आरक्षण, जातीय जनगणना और देश का नाम केवल भारत करने जैसे कई बिल आने व संविधान में संशोधन से संबंधित कई प्रकार के मामले आने की संभावना जताई जा रही है। इन सब मामलों के साथ इस विशेष सत्र में इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ को विशेष रूप से बधाई देने के साथ-साथ समिति द्वारा एस सोमनाथ को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर राष्ट्रपति महोदया को भेजा जाना चाहिए।

इस देश के हर नागरिक का तो माथा ऊंचा होगा ही सरकार की भी वाह वाही होगी ।युवा वर्ग में साइंस के प्रति और ज्यादा उत्साह होगा और युवाओं को स्पेस साइंस सहित विभिन्न विषयों में करियर बनाने का मौका मिलेगा ।हालांकि भारत रत्न के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती। भारत के प्रधानमंत्री समिति में प्रस्ताव पारित करवा कर राष्ट्रपति को सीधी सिफारिश भेज सकते हैं, फिर भी सरकार चाहे तो संसद में अनुमोदन करवा सकती है जिससे भारत रत्न प्राप्तकर्ता को नोबेल पुरस्कार पाने का भी रास्ता पुख्ता होगा ।’भारत रत्न’ देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है देश में यह पुरस्कार अब तक 48 विभूतियों  को दिया जा चुका है वर्ष 1954 में शुरू हुए इस प्रकार पुरस्कार से सबसे पहले भारत की अंतिम गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी दूसरे भारत के उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन और नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक वैज्ञानिक सीवी रमन को सम्मानित किया गया था देश में अब तक भारत रत्न पुरस्कार चार वैज्ञानिकों को दिया जा चुका है । भारत रत्न से सम्मानित होने वाले महान वैज्ञानिक सीवी रमन को प्रकाश की पर किरण पर उत्कृष्ट कार्य करने के  लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार से  सम्मानित किया गया था। दूसरे 1955 में भारत के महान अभियंता और राजनीतिक एस विश्वेश्वरय्या को भारत रत्न से विभूषित किया गया था।

तीसरे मिसाइल मैन के नाम से विख्यात डॉ  एपीजे अब्दुल कलाम को 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सुशोभित गया था। डॉक्टर कलाम ने डीआरडीओ और इसरो को नेतृत्व दिया साथ ही गाइडेड मिसाइल पर ध्यान केंद्रित कर अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति में आत्मनिर्भर बनाया था ।चौथे भारतीय रसायनज्ञ चिंतामणि नागम्मा नागेश चंद्र राव को यह पुरस्कार वर्ष 2013 में प्रदान किया गया। इन्होंने रसायन शास्त्र से संबंधित 1500 शोध पत्र और 45 वैज्ञानिक पुस्तक लिखकर युवा वैज्ञानिकों को शोध का विस्तृत क्षेत्र दिया था स्पेस साइंस के क्षेत्र में भारत रत्न पुरस्कार के लिए सबसे पुख्ता दावा  इस वर्ष इसरो के वर्तमान अध्यक्ष एस. सोमनाथ का बनता है जिनकी अगुवाई में चंद्रयान 3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर पूरे विश्व में इतिहास काम किया और भारत का नाम रोशन किया है इससे जहां दुनिया के बड़े-बड़े तुर्रम खां देश अचंभित हैं वहीं वे भारत को एक बड़ी अंतरिक्ष शक्ति के रूप में देखने लगे हैं ।इस चंद्रयान की सफलता से चंद्रमा की सतह और स्पेस से संबंधित चौंकाने वाले खुलासे होंगे जिनका जिनका लाभ पूरी दुनिया के वैज्ञानिक उठा पाएंगे और विश्व वैज्ञानिकों  का ध्यान भारत की ओर आकर्षित होगा तथा अंतरिक्ष खोज के क्षेत्र में दुनिया में भारत का डंका बजेगा।

चूंकि भारत सरकार द्वारा एक वर्ष में तीन व्यक्तियों को भारत रत्न पुरस्कार दिए जा सकते हैं पिछले तीन वर्षों से किसी भी विभूति को यह पुरस्कार नहीं दिया गया , इसलिए इस बार भारत रत्न पुरस्कार इसरो की महिला वैज्ञानिक डॉक्टर रितु करिथल इसरो के पूर्व अध्यक्ष श्री के सिवान के नाम की भी सिफारिश की जानी बनती है । श्री सिवान को रॉकेट मैन के रूप में जाना जाता है, ये वैज्ञानिक लंबे समय से चंद्रयान व आदित्य अभियान के कार्य में लगे हुए थे चंद्रयान की सफलता के साथ-साथ अंतरिक्ष में सूर्य की किरणों की खोज के लिए आदित्य की लांचिंग में भी एस सोमनाथ और के सिवान व पूरी वैज्ञानिक टीम का ही योगदान  है ।
भारत सरकार इन तीनों वैज्ञानिकों कि भारत रत्न के लिए सिफारिश करती है तो निसंदेह पूरे देश में विशेष कर युवा वर्ग में सरकार के प्रति और विश्वास पर  प्रगाढ़  होगा । किसी भी राजनीतिक पार्टी को इसका श्रेय मिले या ना मिले लेकिन हमारे वैज्ञानिकों का सम्मान बढ़ेगा जिससे भविष्य में वे और अधिक जो जुनून के साथ विभिन्न अनुसंधानों, आविष्कारों व खोज के कार्य में देश का नाम रोशन कर पाएंगे।
लेखक
सतीश मेहरा
9466638600



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