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“बाधा मुक्त वातावरण दिव्यांग जनो के लिए”

दिव्यांग परिभाषा-: हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जहाँ हर प्रारूप में भेदभाव हो रहा है, यह अत्यंत ही दुखद है। मनुष्य ईश्वर द्वारा रचित सबसे बेहतरीन रचना है, सबके अंदर क्षमता है, सबकी अपनी भूमिका है और सब महत्वपूर्ण हैं। सभी मानव ईश्वर की अनमोल कृति हैं और सभी के भीतर परमात्मा का निवास है।दिव्यांग अर्थात विशेष शक्ति, जिनको ईश्वर ने दिव्य अंग प्रदान किए हैं भारतीय जनगणना 2011 के अनुसार भारत में लगभग 2 करोड़ – 2•21% दिव्यांग जन हैं जिसका कारण आहार में कमी,ईलाज में कमी, कोई प्राकृतिक या दैवीय आपदा हो सकती है।

बाधा मुक्त वातावरण के लिए स्तरीय प्रयास-:
1976 में संयुक्तराष्ट्र महासंघ ने एक सर्वे कराया और 1981 में 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस घोषित किया। दिव्यांग का अर्थ कोई शारीरिक दुर्बलता नही अपितु मानसिक अपंगता है । दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी अवरोध हमारा मार्ग अवरूद्ध नही कर सकता। इसके मद्देनजर 2015 में मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने” सुगम्य भारत योजना ” की शुरूआत करी जिसका मकसद सभी क्षेत्रों में दिव्यांग जनो की भागीदारी बढाना था।इसके तहत पुस्तकालय, वेब पोर्टल व आदि कई चीजे दिव्यांग जन के लिए सुगम्य बनाई गई। 2017 में हमारी संसद ने “दिव्यांग जन अधिकार नियम” पास किया जिसका मकसद दिव्यांग जनो को उनके मूलभूत अधिकार और सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।अभी कुछ ही वर्ष पहले मा0 प्रधानमंत्री जी ने दिव्यांग जनो के साथ वार्तालाप कर उनहें दृष्टि बाधित मैत्री सिक्के देश को समर्पित किए।साथ ही श्री मोदी जी ने कहा कि “हम विकलांग से दिव्यांग की ओर आगे बढ़ना होगा”। साथ ही खेलो में व अन्य कई प्रोफेशन में दिव्यांग जनो की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।

हर मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी -:
हमें उनके आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय की सराहना करनी चाहिए, केवल सरकार के प्रयासो से कल्याण नही हो सकता हम सभी को संगठित होकर , जनभागीदारी कर समाज कल्याण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उनके आत्मविश्वास को और सुदृढ करना चाहिए। हमें उनके मूलभूत सुविधाओं मे वृद्धि कर जनजागृति अभियान चलाना चाहिए।इसी लक्ष्य के साथ नव्य भारत फाउंडेशन ” मिशन अपर्णा शक्ति” के अंतर्गत दिव्यांग जनो के लिए निशुल्क स्वास्थ्य व शिक्षा कैंप आयोजित कर रही है, साथ ही नवरात्र में कन्यापूजन आदि कार्यक्रम भी दिव्यांग जनो के साथ मना रही है। दिव्यांग जनो के उपचार में फिजीयोथेरेपी एक महत्वपूर्ण योगदान देती हैं,हमे उसे सुविधाजनक बनाकर सबतक सुगम्य करना होगा, जिसके लिए नव्य भारत फाउंडेशन ” मिशन चिरंजीवी भारत” के अंतर्गत निशुल्क चैरिटेबल सेंटर व स्वास्थ्य कैंप के माध्यम से दिव्यांग जनो के लिए सुलभ करती है।हमें उन्हे आर्थिक सहायता प्राप्त करवाकर उनके स्वावलंबन के लिए कार्य करने चाहिए। उदाहरणतः दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का ” अंतरक्रांति ” प्रकल्प जिसके माध्यम से दिव्यांग जनो को स्किल ट्रेनिंग देकर आज वह कई प्रकार के उत्पादो का निर्माण कर रहे हैं। नारायण सेवा संस्थान व आदि कई सामाजिक संस्थान दिव्यांग जन की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।हमें उनकी दिक्कत और जरूरतो को समझकर उनके समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। हमे अपनी सोच में परिवर्तन कर संकीर्ण मानसिकता से निकलकर दिव्यांगजनो को मुख्य धारा में लाने का प्रयास करना चाहिए।हमारे दिव्यांग जन दैनिक जीवन व सामाजिक जीवन में बहुत संघर्ष करते हैं हमे सेवा का संकल्प लेकर सद्भावना के साथ मानवतावादी सोच रखकर उनके साथ मिलकर उन्हे मुख्य धारा में लाने का प्रयास करना चाहिए। हम प्रबल निज संकल्प कर निज सुप्त क्षमता को जगाएं और सक्षम निज राष्ट्र को सक्ष्म बनाएं। हम सबको साथ लेकर चलें।हम सभी बराबर हैं व भारत की परम पुरातन संस्कृति वसुदेव कुटुम्बकम के मंत्र पर आगे बढ़े।हम सभी संकल्प ले एक सुदृढ, समृद्ध , समर्थ व सुगम्य भारत बनाने के लिए। अंत में भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की कविता उल्लेख करते हुए प्यारे दिव्यांग भाईयो और बहनो को कहूँगा –

“हार नही मानूंगा रार नही ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ, गीत नया गाता हूँ।”

जय हिंद जय भारत
वन्देमातरम

डा० अनिरुद्ध उनियाल,फिजीयोथेरेपीसट पीजीआई चंडीगढ ,
संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष , नव्य भारत फाउंडेशन ( एनबीएफ भारत) एवं एसएपीटी इंडिया।



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