दून घाटी की पहली संग्रामी महिला शर्मदा
उत्तराखंड के नमक सत्याग्रह आंदोलन में दून घाटी की प्रथम जेल जाने वाली महिला शर्मादा त्यागी ऐसी एक मात्र महिला थी जिन्होंने दून घाटी में पुरुष सत्याग्रहियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के निर्देश पर आंदोलन की बागडोर संभाली। इस महिला के नेतृत्व में दून घाटी की अन्य बीस सक्रिय महिलाओं के साथ प्रेमनगर स्थित खराखेत गांव से नमक बनाकर उसे देहरादून में पुड़ियां बनाकर बेचा । इस दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर तीन माह से लेकर एक वर्ष तक की जेल सजा दी। यहां उल्लेखनीय है कि उनके पति महावीर त्यागी की गिरफ्तारी के बाद वह पंद्रह माह की बच्ची उमा को लेकर जेल गई। इस जन संघर्ष के कारण ही तब वह जनता में इतनी लोकप्रिय हो गई थी कि , जवाहरलाल नेहरू ने इन्हें 1937 में विधान सभा चुनाव में पछुवा दून से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा और वह चुनाव जीतकर विधान सभा में पहुंची।
शर्मादा त्यागी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कुटीर शिल्प उद्योगों की स्थापना कर उनके जीवन स्तर को उठाने का काम किया। किंतु , दुर्भाग्यवर्ष एक वर्ष के अंदर ही उनका निधन भी हो गया। आज की सरकारें और कांग्रेस संगठन भी इस संग्रामी महिला को याद करने की ज़हमत तक नहीं उठता। उनका चित्र पाठकों के लिए साझा कर रहा हूं।