कैंसर कलंक नहीं, जल्द डिटेक्शन और अवैरनेस से ही पाया जा सकता है इस पर काबू : प्रिया दत्त
नरगिस दत्त फाउंडेशन और जीतो फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से स्तन कैंसर अवेयरनेस अभियान को मिली मजबूती
कैंसर मीट के दौरान कई लोग हुये स्तन कैंसर के अनछुए पहलुओं से अवगत
मोहाली / स्तन कैंसर कोई सामाजिक कलंक नहीं, समय पर रोग का पता लगाना, सही उपचार और फैलते भ्रम के प्रति जागरुकता ही इस बीमारी पर अंकुश लगाना समय की मांग है। यह भाव नरगिस दत्त फाउंडेशन की मैनेजिंग ट्रस्टी, स्वर्गीय अभिनेता सुनील दत्त की पुत्री और समाजसेवी प्रिय दत्त ने स्तन कैंसर जागरूकता पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। मोहाली क्लब में जीतो फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस चर्चा के दौरान कैंसर विनर्स सहित ट्राईसिटी के लोगों ने भाग लिया जोकि स्तन कैंसर की अनछूये पहलूओं से अवगत हुये। इससे पूर्व जीतो फाउंडेशन की दीप शेरगिल ने अपने स्वागत संबोधन में इस बात पर बल दिया कि कैंसर के प्रति जागरुकता ही इस बीमारी पर काबू पाने के लिये पहला कदम है। उन्होंनें बताया कि जीतो फाउंडेशन विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों में स्तन कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने में प्रयासरत है और इसी कड़ी में नवंबर में वे हंसाली रन 2024 का भी आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें देश के कोने कोने से धावक जुटेंगें। कार्यक्रम के दौरान 113 वर्षीय इंटरनैशनल रनर फौजा सिंह और पैरागॉन सीनियर सेकंडरी स्कूल, सेक्टर 69 के डायरेक्टर मोहनबीर सिंह शेरगिल ने विशेष रुप शिरकत की।
चर्चा के दौरान प्रिया दत्त ने बताया कि कैसे उनके पिता सुनील दत्त ने उनकी मां नरगिस दत्त के निधन (जोकि स्तन कैंसर का ही शिकार हुई थी) के बाद इस फाउंडेशन का गठन किया था। अमेरिका में उपचाराधीन उनकी मां के इस महंगे इलाज ने सुनील दत्त को अपने देश भारत में उन वंचित लोगों के लिये कुछ कर गुजरने के लिये प्रेरित किया जो कि इस बीमारी से जूझ रहे हैं। अमेरिका में अपने साथियों से फंड जुटा कर इस फाउंडेशन की नींव रखी और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के सहयोग से इस जागरुकता अभियान को मजबूती मिली। प्रिय दत्त ने बताया कि 1981 से शुरु हुये फाउंडेशन की शुरुआत को व्यापक बल मिला। इसी के साथ उन्होंनें खेद भी व्यक्त किया कि देश की डेमोग्राफी भिन्नता के चलते लोगों में जागरुकता के अभी भी बहुत जरुरत है।
इस अवसर पर मौजूद आईवी होस्पिटल की डा मीनाक्षी मित्तल ने अपने संबोधन में बताया कि स्तनों में पीड़ा न होने से कैंसर का लक्षण नहीं, बायोप्सी की अनेदखी, स्तन कैंसर की वापसी नहीं होना आदि महिलाओं को भ्रमित करती है। इसलिये महिलाओं और उनके परिवार को इस रोग के प्रति जागरूकता दिलवाना जरूरी हो जाता है। उन्होंनें सुझाया कि सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन, मैमोग्राफी और स्तनों के नियमित समय पर क्लिनिकल एग्जामिनेशन से ही रोग पर अंकुश लगाया जा सकता है। किसी भी विपरीत लक्षण के चलते जल्द ही कैंसर स्पेशलिस्ट के संपर्क में आये और उपचार शुरू करवाये।
इस अवसर पर मौजूद डा विजय बंसल ने बताया कि किसी भी प्रकार के कैंसर में तंबाकू सेवन सबसे बड़ा कारण रहा है। उन्होंनें इस बात पर बल दिया कि ऐसी परिस्थिति से बचने के लिये अपने लाईफस्टाईल को एक्टिव रखने के साथ साथ तंबाकू और शराब से जरुर दूरी बनाये रखे। मोटापे को निकट नहीं भटकने दे और एक सेहतमंद जीवन शैली जीयें।
इस अवसर पर मोहाली स्थित पैरागन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया। कार्यक्रम के दौरान स्तन कैंसर विनर्स ने रैंप वॉक कर आये दर्शकों की वाहवाही लूटी।