प्रधानमंत्री के प्राकृतिक जल स्रोत संरक्षण के आवाहन का अंग बने दून के साइकिलिस्ट
दून के जिला अधिकारी “सबिन बंसल” युवाओं के साथ कर रहे हैं सहभागिता.
राजपुर बावड़ी जल स्रोत पर पहाड़ी पैडलर्स ने स्वच्छता अभियान चला, किया जल संवाद।
देहरादून: ब्यूरो/उत्तराखण्ड लाइव: देहरादून के प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन की मुहिम राजपुर बावड़ी से की गई। जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा जल संवाद कर प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन पर विचार प्रस्तुत किए गए। इस दौरान पहाड़ी पैडलर्स के सदस्यों द्वारा स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। मुहिम का नेतृत्व कर रहे पर्यावरण विशेषज्ञ व पद्मश्री कल्याण सिंह रावत (मैती) जी ने प्राकतिक इन जल स्रोतों को मनुष्य वह चराचर जीव के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण बताया।
देहरादून के प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन की मुहिम के दूसरे चरण में रविवार को राजपुर बावड़ी स्थित प्राकृतिक जल स्रोत से शुरुआत की गई। इस दौरान पहाड़ी पैडलर्स से जुड़े सदस्य साइकिलिंग कर राजपुर बावड़ी स्थित प्राकृतिक जल स्रोत पर पहुंचे। जहां जल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान जिलाधिकारी सबिन बंसल ने कहा कि,” मुझे खुशी है कि आज मैं इस अभियान का हिस्सा बन पाया हूं। इसी जल स्रोत के निकट स्थित शिव मंदिर में स्वामी विवेकानंद जी ने ध्यान किया और इसी स्थान पर उनकी भेंट अपने गुरु भाई तुरिया नंद जी से भी हुई थी। कहा कि पहाड़ी पैडलर्स स्वामी विवेकानंद जी द्वारा युवाओं को दिया गया संदेश “उठो जागो और लक्ष्य को प्राप्त करो” को आत्मसात कर वर्तमान जल संरक्षण के महत्व के लिए युवाओं को जागृत करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
प्रख्यात पर्यावरण विशेषज्ञ व पद्मश्री कल्याण सिंह रावत (मैती) जी ने कहा कि प्राकृतिक यह जल स्रोत मनुष्य व चराचर जीव के अस्तित्व का अहम हिस्सा है यह प्राकृतिक जल स्रोत पर्यावरण मुख्य घटकों में से एक है इन्हें स्वच्छ बनाए रखते हुए इनके संवर्धन व संरक्षण की जिम्मेदारी न सिर्फ प्रशासन की है बल्कि आम जानकी भी है। कहा कि आज जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन की नितांत आवश्यकता है क्योंकि आने वाला समय जल संकट का है इसके निवारण के लिए हमें अपने प्राकृतिक जल स्रोत व प्राकृतिक जल संचित रखने की चिंता करनी होगी।
विरासत विशेषज्ञ डॉक्टर लोकेश ओहरी ने कहा कि देहरादून के आसपास के क्षेत्र में विरासत की अनेक स्थलों की एक लंबी श्रृंखला है इन स्थलों को जानकारी के साथ प्रस्तुत करते हुए यहां यहां पर्यटन गतिविधियों को विकसित किया जा सकता है, कहां की विरासत स्थलों को सौंदर्यकरण के नाम पर उसके मूल स्वरूप से भटकाना उचित न होगा बल्कि उन स्थानों के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के मूल स्वरूप के साथ प्रदर्शन के लिए संरक्षित रखने की आवश्यकता है।
पहाड़ी पेडलर्स के गजेंद्र रमोला ने कहा कि उत्तराखंड में वाहनों के प्रदूषण से मुक्ति पाने के लिए स्थानीय स्तर पर नागरिकों को अधिक से अधिक साइकिलिंग के लिए प्रेरित होना पड़ेगा यह गतिविधि केवल पर्यटन की गतिविधि नहीं है बल्कि प्रतिदिन के लिए प्रत्येक नागरिक के व्यवहार की गतिविधि में भी होनी चाहिए। जिससे कि वाहन प्रदूषण की सीमा को नियंत्रित किया जा सके।
इस दौरान पहाड़ी पेडलर्स,बीटीडीसी सदस्य, जिला प्रशासन सहित, पैडलर्स,गजेंद्र रमोला, रोहित नौटियाल,अरुण कुमार, अंजू केडियल, नितिन छेत्री,अजय कंडारी,रामेश्वर बहुगुण राहुल,मयंक आदि उपस्थित रहे।