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मेडिकल कॉलेज के पीजी एमबीबीएस छात्रों को रिसर्च को लेकर प्रशिक्षण दिया


वायोमेडिकल मैथड एवं स्टेटिसटिकल सॉफ्टवेयर पर जानकारी दी

एम्स ऋषिकेश और एम्स रायबरेली से पहुंचे विशेषज्ञों ने दी जानकारी

उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल द्वारा कार्यशाला का छह घंटे का क्रेडिट भी प्रदान किया

श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज में सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर पर व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ बुनियादी जैव सांख्यिकीय विधि पर दो दिवसीय कार्यशाला का गुरुवार से शुभारंभ हुआ। जिसमें मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के सभी पीजी ( एमडी, एमएस, डीएनबी डिग्री) छात्र छात्राओ व संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग कर सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर से रिसर्च के तौर-तरीके सीखे। यह कार्यशाला पीजी कर रहे एमबीबीएस छात्र-छात्राओं व संकाय सदस्यों के लिए रिसर्च कार्य में महत्वपूर्ण होगी। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल द्वारा उक्त कार्यशाला का छह घंटे का क्रेडिट भी प्रदान किया गया।

कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश के कम्युनिटी एंड फेमली मेडिसिन विभाग से पहुंचे एसो. प्रोफेसर डॉ. योगेश बहुरूपी ने बेसिक वायोमेडिकल मैथड एवं स्टेटिसटिकल सॉफ्टवेयर के बारे में विस्तृत से जानकारी देते हुए बताया कि यह एक प्रकार की विधि है, जिससे शोध करते समय छात्रों को विश्लेषण करने तथा सटिक डेटा तैयार करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में नई-नई बीमारियां आ रही है तथा उनके ट्रीटमेंट में भी विभिन्न प्रकार से हो रहे है। इसको देखते हुए मेडिकल कॉलेज के छात्रों को पहले रिसर्च करना जरूरी है, ताकि उन्हें रिसर्च के बाद बीमारियों के बारे में जानकारी मिल सके और रिसर्च के आधार पर अपना ट्रीटमेंट कर पायेगे। कहा कि समय-समय पर रिसर्च भी बदल रहा है। इसको देखते हुए रिसर्च को कैसे सुगम बनाना है इसको लेकर ट्रैनिंग दी जा रही है। ताकि भविष्य में विभिन्न अस्पताल में कार्य करते समय किसी तरह की दिक्कतें ना हो सके। एम्स रायबरेली से पहुंचे डॉ. मुकेश शुक्ला ने कहा कि पीजी के छात्रों को रिसर्च में स्टेटिसटिकल सॉफ्टवेयर से कैसे डेटा तैयार करना और कैसे रिजल्ट निकाला है, इस संदर्भ में ट्रैनिंग दी जा रही है। ताकि रिसर्च कम्युनिटी के लिए फायदेमंद हो सके। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. विनीता रावत एवं चिकित्सा अधीक्षक बेस चिकित्सालय डॉ. अजेय विक्रम सिंह ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं पीजी के छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इससे छात्रों की रिसर्च गुणवत्ता के साथ ही कम्युनिटी के लिए फायदेमंद रहेगी। कार्यक्रम का संचालन कर रहे मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने कार्यशाला में पहुंचे सभी का आभार प्रकट किया। इस मौके पर कम्युनिटी मेडिसिन की एचओडी डॉ. जानकी बर्त्वाल, रेस्पिरेटरी मेडिसिन के एचओडी डॉ. विक्की बख्सी, डॉ. कैलाश गैरोला, डॉ. दीपक द्विवेदी सहित पीजी के छात्र व संकाय सदस्य मौजूद थे।

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