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भगवान के अवतार असीमित हैं, द्रोपदी के लिए उन्होंने वस्त्र अवतार और भरत के लिए पादुका अवतार लिए थे : आचार्य देशमुख


चण्डीगढ़ : ओम महादेव कावड़ सेवा दल द्वारा नौ दिवसीय करवाई जा रही कथा का आज अंतिम दिन था। 9 दिन से निरंतर महाशिवपुराण सेक्टर 45 मंडी ग्राउंड में करवाई जा रही है। प्रसिद्ध कथावाचक देशमुख वशिष्ठ ने कथा में आज बताया कि जब-जब धरती पर भगत संकट में आता है तब तब भक्त को उबारने के लिए भगवान अनेका अनेक रूप में प्रकट होते हैं।

भगवान का कुछ निश्चित नहीं है कितने ही अवतार भगवान लेंगे। जैसे भरी सभा में द्रोपदी को जब दुर्योधन दुशासन नग्न कर रहे थे, वहां भी भगवान ने अवतार लिया और वह अवतार था वस्त्र अवतार। भरत महाराज जिस समय श्री राम को चित्रकूट में अयोध्या लौटाने गए तो वहां राम ने एक अवतार लिया, और वह अवतार था पादुका अवतार। तो इस प्रकार भगवान अपने भक्तों पर कृपा करने के, कभी परीक्षा लेने के लिए आ जाते हैं लेकिन भगवान यदि आ गए तो व्यक्ति का जीवन संवर जाता है। आज लोग अपने परिवारों में रिश्तेदारों में सबको बुलाते हैं इतना समय होगा आप हमारे घर नहीं आए पर उनको बुलाने से कभी कुछ फायदा नहीं होगा यदि बुलाना है तो मेरे महादेव को बुलाना और जो महादेव को बुलाता है वह इतने भोले भाले हैं अवश्य आते हैं। अगर नहीं आते तो इसका तात्पर्य यह है कि हमने बुलाया ही नहीं। आप कहोगे, नहीं महाराज जी हम तो बुलाते हैं। यदि सच्चे मन से बुलाते हो तो फिर आपके जीवन में भगवान अवश्य आए होंगे। आप जितने भगत यहां कथा सुनने आए हैं, उनके जीवन में कभी ना कभी एक बार भगवान किसी रूप में जरूर आए होंगे या आ चुके हैं। यह बात अलग है कि आप उन्हें पहचान नहीं पाए क्योंकि अभी कलयुग चल रहा है और इस कलयुग में प्रत्यक्ष तो आएंगे नहीं वह किसी ना किसी रूप में आएंगे। अब आपकी नजर की बात है कि आप की नजर उन्हें पहचान ले, पकड़ ले।
ओम महादेव कावड़ सेवा दल के सदस्यों अभिषेक श्रीवास्तव व रीना कश्यप ने बताया की कथा में आज भक्तों द्वारा फूलों की होली भी खेली गई भक्तों के द्वारा गुरुजी पर पुष्प वर्षा की गई राधा रानी की मनमोहक झांकी निकाली गई जिसको देखकर भक्तजनों ने उनके साथ भी होली खेली और राधा कृष्ण पर फूलों की वर्षा की।

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