वायरल हेपेटाइटिस को खत्म करने में चिकित्सकों एवं प्रोग्राम टीम का अहम योगदान: डॉ. हेमा
राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय कार्यशाला संपंन
श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम पर एक अभिविन्यास और क्षमता-निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो दिनों तक चले कार्यशाला में नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अन्तर्गत मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन, बाल रोग विभाग, गायनी विभाग, श्वास रोग विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग व चिकित्सा स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण के जिला रूद्रप्रयाग, चमोली व पौड़ी के चिकित्सकों, माइक्रोबायोलॉजिस्ट व प्रोग्राम मैनेजर्स को प्रशिक्षित किया गया। जिसमें नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल से जुड़ी समस्त जानकारियां दी गई।
कार्यशाला में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम एनसीडीसी दिल्ली से पहुंची मास्टर ट्रेनर डॉ. हेमा ने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस को एक सामाजिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में खत्म करने के लिए सभी का अहम योगदान जरूरी है। उन्होंने कार्यक्रम के तहत चलने वाली से समस्त जानकारी पावर प्रजेंटेशन व इंटरएक्टिव सेशन से विस्तार से दी व वर्तमान स्थिति क्या है व कन्ट्रोल/ ईलिमिनेशन के लिए अब क्या व कैसे आगे करना है, इस पर दो दिनों तक विस्तृत गाइडलाइंस प्रदान की तथा उनके निदान के लिए अलग-अलग स्तर के चिकित्सालय व कम्युनिटी स्तर पर किये जाने वाले कार्यो को कैसे किया जाना है, विस्तार से प्रकाश डाला गया। एनसीडीसी टीम के सदस्यों द्वारा वायरल हेपेटाइटिस की स्क्रिनिंग व डायग्नोसिस संबंधी जानकारियां देकर वायरल हेपेटाइटिस की विभिन्न जांच व उपचार की विधियों के बारे में भी अवगत कराया। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम हर स्तर पर जरूरी है। । प्राचार्य ने कहा कि प्रोग्राम के तहत सरकारी चिकित्सालयो मे दवाईयां, इम्यूनोगलोवयूलिन, वैक्सीन एव ईलाज निःशुल्क उपलब्ध है। इस मौके पर पौड़ी के एसीएमओ डॉ. रमेश कुंवर ने भी जिले स्तर पर किये जा रहे कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन मेडिकल कॉलेज के संयोजक डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने किया। इस मौके पर मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. केएस बुटोला, श्वास रोग विभाग के एचओडी डॉ. विक्की बख्शी, गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा, डॉ विनिता रावत, डॉ. दीप्ति, स्टेट नोडल ऑफिसर व तीनों जिलों के चिकित्साअधिकारी गण सहित पीजी छात्र व संकाय सदस्य मौजूद थे।