राघव ऋषिजी की भागवत कथा 20 से सेक्टर 32 डी स्थित सनातन धर्म मंदिर में : कलश यात्रा निकाली गयी
पूज्य ऋषिजी द्वारा जनकल्याणार्थ निःशुल्क ज्योतिषीय परामर्श उपलब्ध कराया जायेगा
चण्डीगढ़ : ऋषि सेवा समिति, चण्डीगढ़ के तत्वावधान में काशी निवासी अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वक्ता श्रीविद्या सिद्ध एवं ज्योतिष सम्राट पूज्य राघव ऋषि जी की भागवत कथा का भव्य शुभारंभ हुआ जिसकी कलश यात्रा सेक्टर 32 डी स्थित सनातन धर्म मंदिर निर्मित कथास्थल से प्रारम्भ होकर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए कथास्थल पर आकर आरती द्वारा संपन्न हुई । आकर्षण का केन्द्र राधा कृष्ण भगवान की झांकी का रहा। मुख्य यजमान सावित्री देवी एवं हरिश्चन्द्र दूबे भी भागवत पोथी सिर पर रखकर चले। उपस्थित जनमानस हेतु विभिन्न पड़ावों पर शीतल पेय पदार्थों एवं जल की व्यवस्था की गई थी। समय-समय पर जल छिड़काव कर मार्ग को सुगम बनाया जा रहा था । पीले वस्त्रों में 108 महिलाएं कलश लिए हुए बैंड-बाजे सहित मंगलगान करते हुए चल रहीं थीं। क्षेत्रवासियों का असीम उत्साह देखने को मिला।
प्रतिदिन कथा का समय सायं 4 से रात्रि 8 बजे तक का रहेगा जिसकी मध्यावधि में कृष्ण जन्म सहित विवाह आदि की लीलाओं का पूज्य ऋषिजी द्वारा श्रवणपान कराया जाएगा। निःशुल्क ज्योतिष परामर्श एवं महालक्ष्मी आराधना का भी कार्य आयोजन तिथि में ही पूज्य ऋषिजी के निर्देशन में सम्पन्न कराया जाएगा।
कलश यात्रा में प्रमुख रूप से सर्वश्री श्रीकृष्णचंद मिश्र, गजेन्द्र पाण्डेय, माम चन्द गुप्त, नरेश कुमार, संजीव सिंगला, अच्छर सिंह, गणेश दूबे, राम पाल ऐरी, राम स्वार्थ यादव, सच्चिदानंद दूबे, अनिल श्रीवास्तव, जय भगवान गर्ग आदि उपस्थिति रही। मीडिया प्रभारी प्यारचंद ने बताया कि पहले दिन के प्रसंग में श्रीमद्भागवत माहात्म्य पर विवेचना होगी एवं भीष्म स्तुति की कथा होगी।
उन्होंने बताया कि कथा में पूज्य ऋषिजी के एकमात्र सुपुत्र सौरभ ऋषि द्वारा सुमधुर भजनों की नित्य प्रस्तुति दी जाएगी। इसके साथ ही कथानुसार नित्य झाँकी का भी मंचन होगा।
पूज्य ऋषिजी द्वारा जनकल्याणार्थ निःशुल्क ज्योतिषीय परामर्श
क्षेत्रवासियों की समस्याओं का ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से समाधान हेतु 22 जुलाई से प्रातः 7:30 बजे से सेक्टर 32 डी सनातन धर्म मंदिर परिसर में बनी ऋषि कुटिया में जन्मपत्रिका के माध्यम से परामर्श पूज्य ऋषिजी द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। नगर से जुड़े भगवती महात्रिपुरसुन्दरी महालक्ष्मी के साधकों के अग्रिम क्रम की श्रीविद्या पद्धति से पांच दिवसीय आराधना 22 जुलाई को प्रातः 7 बजे से पूज्य ऋषिजी के संरक्षण में प्रारम्भ होगी।