महाराज ने किया यात्रा रजिस्ट्रेशन ट्रांजिट कैंप का औचक निरिक्षण
विकास नगर में 14 मई से प्रारंभ होग जायेगा पंजीकरण केंद्र: महाराज
ऋषिकेश। विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आज विधिवत श्री गणेश हो गया है। ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारधाम यात्रियों के लिए व्यवस्थित रूप से पंजीकरण केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा अब देहरादून स्थित विकास नगर में चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए 14 मई से पंजीकरण केंद्र की शुरुआत कर दी जायेगी।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को ऋषिकेश स्थित चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ट्रांजिट कैंप का औचक निरिक्षण करने के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए कही। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारधाम यात्रियों के लिए पंजीकरण केंद्र का व्यवस्थित रूप से संचालन किया जा रहा है लेकिन सूचना मिली है कि सहारनपुर से विकास नगर के रास्ते कुछ यात्री बिना पंजीकरण के अन्य मार्गों से यात्रा पर जा रहे हैं इसलिए मैंने अधिकारियों को विकास नगर में पंजीकरण केंद्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं जिसकी शुरुआत 14 मई तक कर दी जायेगी।
पर्यटन, धर्मस्य एवं संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने कहा कि चार धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उचित प्रबंधन के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। पहले दिन पंजीकृत यात्रियों के अलावा स्थानीय लोग डोली लेकर आते हैं इसलिए भीड़ का दबाव होना स्वाभाविक था। इस दौरान व्यवस्था में कुछ व्यवधान अवश्य हुआ है लेकिन यह शीघ्र ही व्यवस्थित कर लिया जाएगा। फिलहाल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह पंजीकरण की संख्या को नियंत्रित करने का प्रयास करें।
उन्होंने बीआरओ के अधिकारियों के साथ-साथ सचिव लोक निर्माण को गंगोत्री रोड़ पर आये मलबे को भी शीघ्र हटाने के निर्देश दिए हैं।
महाराज ने चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अनुरोध किया है कि वह चारधाम दर्शनों के पश्चात वापस आते समय वैकल्पिक मार्गों का भी प्रयोग कर उत्तराखंड के अन्य स्थानों के नैसर्गिक सौंदर्य का भी आनंद लें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सीनियर सिटीजन यात्री एक रात विश्राम करने के पश्चात ही यात्रा करें ताकि वह स्थानीय वातावरण के अनुरूप स्वयं को ढाल सकें और उन पर मौसम का कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़ सके। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है इसलिए यात्रा व्यवस्था में लगे सभी अधिकारी और कर्मचारी यात्रियों के सम्मान एवं सत्कार में कोई कमी ना रखें।
महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवाने के साथ-साथ मौसम की जानकारी और समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही यात्रा करें। तीर्थ यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अनेक व्यवस्थाएं की हैं। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत एक स्टेट लेवल कन्ट्रोल रूम की स्थापना देहरादून स्थित उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय की गई है जो कि पूरे यात्रकाल के दौरान संचालित रहेगा। पर्यटकों और यात्रियों को लम्बी कतारों से निजात दिलाने के लिये और लाईन में अधिक समय तक प्रतिक्षा न करनी पड़े इसके लिए धामों में दर्शन के लिए टोकन, स्लॉट की व्यवस्था सुचारू रूप से की जा रही है। यात्रा पर आने वाले यात्रियों से मेरा अनुरोध है कि वह सरकार द्वारा बनाई गयी व्यवस्थाओं का पालन करते हुए यात्रा में सहयोग करें।
लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के अन्तर्गत आने वाले राष्ट्रीय राज मार्गों की विशेष रूप से निगरानी रखने के प्रबन्ध किये गये हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर अधिकांशतः मार्ग अवरूद्ध होने वाले स्थानों का चिन्हिकरण करने के साथ-साथ इन स्थानों पर ई0पी0सी0 कॉन्ट्रेक्टर एवं विभागीय अधिकारियों की देख-रेख के अलावा 36 मशीनें लगाई गई हैं। लोक निर्माण विभाग के अधीन आने वाले वैकल्पिक मार्गों पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में 40 मशीनें तैनात की गई हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर गढवाल मण्डल विकास निगम के सहायोग से ई0वी0 चार्जिगं स्टेशन स्थापित कियेे गये हैं। अभी तक 28 स्थानों पर 60 किलोवाट के ई0वी0 चार्जर पंहुचा दिये गये हैं जबकि 27 जगहों पर चार्जर हेतु फांउडेशन का कार्य किया जा चुका है। अभीतक 17 स्थानों पर ई0वी0 चार्जर पूर्णतः स्थापित किये जा चुके हैं। यात्रियों की आवासीय सुविधा को ध्यान में रखते हुए गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले लगभग 52 पर्यटक आवास गृहों की मरम्मत एवं सौन्दर्यकरण किया गया है। केदारनाथ वैली में पिक्स आवासीय सुविधा 389 बैड्स एवं लगभग 2500 बैड्स की आवासीय सुविधा हेतु टैन्ट लगाये गये हैं।