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अपने पितरों की पूर्ण रूप से तृप्ति के लिए पितृपक्ष प्रशस्त माना गया है : आचार्य ईश्वर चन्द्र शास्त्री


चण्डीगढ़ : अपने पितरों की पूर्ण रूप से तृप्ति के लिए पितृपक्ष (आश्विन कृष्णपक्ष) प्रशस्त माना गया है। पितृपक्ष में किए गए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि से पितर देवता प्रसन्न होते हैं और श्राद्धकर्ता को आयु, धन, आरोग्यता, पुत्र आदि प्रदान करते हैं। श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 के पुजारी आचार्य ईश्वर चन्द्र शास्त्री ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि अबकी बार पितृपक्ष 18 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है और सारे श्राद्ध पूरे होंगे, कोई भी श्राद्ध कम या ज्यादा नहीं होगा। पूर्णिमा का श्राद्ध 17  सितंबर को दोपहर 11:45 बजे के बाद संपन्न करें। जो 17 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध नहीं कर सकते वो 18 सितंबर को प्रातः 8:05 बजे से पहले श्राद्ध संपन्न कर लें। सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या के दिन बुधवार, 2 अक्टूबर को संपन्न करें। अमावस्या के दिन ही श्राद्ध व तर्पण के बाद पितरों का विसर्जन करें।

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