प्रो. नीरजा कुकरेती ने लेखक गांव में किया लेखन कार्य।
देहरादून/उत्तराखंड लाइव: प्रसिद्ध लेखिका और प्रोफेसर नीरजा कुकरेती इन दिनों उत्तराखंड के लेखक गांव, थानों में प्रवास कर रचनात्मक लेखन कार्य कर रही हैं। वे नालंदा पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र के तहत प्रकाशित पुस्तकों ‘विश्व धरोहर रम्माण’ और ‘हिमालय में राम’ का अंग्रेजी अनुवाद कर रही हैं। ये दोनों पुस्तकें प्रख्यात लेखक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा लिखित हैं।
गौरतलब है कि ‘हिमालय में राम’ का लोकार्पण लेखक गांव में पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के करकमलों द्वारा किया गया था, जबकि ‘रम्माण’ का लोकार्पण हाल ही में विश्व पुस्तक मेले में हुआ था।
प्रो. नीरजा कुकरेती लेखक गांव के प्राकृतिक परिवेश और साहित्यिक वातावरण से बेहद प्रभावित दिखीं। उन्होंने कहा कि “रचनात्मक लेखन के लिए यह स्थल आदर्श स्थान है।” उल्लेखनीय है कि वे लंबे समय तक हांगकांग में कार्यरत रहीं और उनकी कई पुस्तकें वहां के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
लेखक गांव के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओ.पी. बड़ौनी ने प्रो. नीरजा कुकरेती का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।