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भारत आयुर्वेद इकोसिस्टम के डिजिटलीकरण का विस्तार करेगा: राजेश कोटेचा


देहरादून :आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने आज कहा कि देश डिजिटल स्वास्थ्य अवधारणाओं पर आधारित आयुर्वेद इकोसिस्टम के सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य और धन में समानता का लक्ष्य हासिल करना है। कोटेचा आज यहां शुरू हुए 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के पहले सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। कांग्रेस का आयोजन विज्ञान भारती की पहल, विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। “भारत में एक बेहतरीन डिजिटल इकोसिस्टम है। हमारे पास सतत विकास के लिए 2030 का एजेंडा है। भारत में डिजिटलीकरण का प्राथमिक लक्ष्य, बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य और धन में समानता लाने से जुड़ा है।” कोटेचा ने कहा, “एजेंडा स्वास्थ्य देखभाल समाधानों की नैतिक, सुरक्षित और न्यायसंगत अदायगी को प्राथमिकता देता है तथा पारदर्शिता, पहुंच, मापनीयता, अंतर-परिचालन और गोपनीयता के सिद्धांतों द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त करता है।” उन्होंने चार दिवसीय बैठक में विचार-विमर्श के लिए संदर्भ निर्धारित किया, जिसका मुख्य विषय है: डिजिटल स्वास्थ्य – एक आयुर्वेद परिप्रेक्ष्य।

उन्होंने पिछले दो दशकों में उभरे आयुर्वेदिक पुनर्जागरण की गति को तेज करने के लिए भारत की पहलों की प्रगति को रेखांकित किया। कोटेचा ने डिजिटल इंडिया पहल पर प्रकाश डाला, जो एक मजबूत डिजिटल अवसंरचना विकसित करने का नागरिक-केंद्रित प्रयास है, जिसमें चिकित्सक, शिक्षाविद, सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमाकर्ता, दवा निर्माता, गैर-सरकारी संगठन और नियामक सहित सभी आयुर्वेद हितधारक शामिल हैं। उन्होंने कहा, “इसका उद्देश्य एक डिजिटल एकीकृत इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जो पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान के अधिक ज्ञान-आधारित और सटीकता-आधारित अदायगी की ओर आगे बढ़ने का समर्थन करेगा।” कोटेचा ने कहा कि नमस्ते (राष्ट्रीय आयुष रुग्णता और मानकीकृत शब्दावली इलेक्ट्रॉनिक) पोर्टल मानकीकृत शब्दावली और रुग्णता संहिता के बारे में जानकारी प्रदान करता है और आयुष प्रथाओं को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के साथ समन्वित करता है।

उन्होंने वाई-ब्रेक पहल पर भी बात की, जिसे कर्मचारियों को काम से मिले थोड़े समय के अवकाश के दौरान कुछ योगासन, श्वास तकनीक और ध्यान के साथ तनाव मुक्त करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल ने पहले ही दस लाख से अधिक कर्मचारियों को आकर्षित किया है।

उन्होंने कहा कि आयुर अनुसंधान पोर्टल एक अन्य पहल है, जिसने उच्च स्तरीय सफलता अर्जित की है। वर्तमान में उपलब्ध गहन शोध पत्रों समेत 43,000 से अधिक प्रकाशनों के साथ, पोर्टल दवा की खोज और साक्ष्य-आधारित चिकित्सा की अदायगी के साथ-साथ आयुष क्षेत्र में अनुसंधान और विकास प्रयासों में सहायता प्रदान कर रहा है।

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