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रक्षाबंधन विशेष: महिलाओं की सुरक्षा पुरुषों की भी जिम्मेदारी ।


रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन भाई अपनी बहन की सुरक्षा का वचन देता है और बहन उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। हालांकि, बदलते समय में इस वचन का दायरा केवल पारिवारिक सुरक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह वक़्त है जब समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुरुषों की जिम्मेदारी को नए दृष्टिकोण से देखा जाए।

महिलाओं की सुरक्षा और पुरुषों की भूमिका

समाज में महिलाओं की सुरक्षा का सवाल केवल कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। यह हमारे घरों, सड़कों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर व्यवहार, सोच और आदतों का भी हिस्सा है। महिलाओं के प्रति सम्मान और उनका सुरक्षित महसूस करना हर पुरुष की जिम्मेदारी होनी चाहिए। रक्षाबंधन का यह पावन अवसर इस बात की याद दिलाता है कि सिर्फ भाई ही नहीं, बल्कि हर पुरुष को महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मा उठाना चाहिए।

सुरक्षा की जिम्मेदारी क्यों जरूरी है?

1. समान अधिकारों का समर्थन: हर महिला को समाज में स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ रहने का अधिकार है। यह अधिकार तभी पूर्ण हो सकता है जब पुरुष उनकी सुरक्षा को अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी मानें।

2.सुरक्षा केवल बाहरी नहीं, मानसिक भी हो: महिलाओं के साथ छेड़छाड़, उत्पीड़न या भेदभाव केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक असुरक्षा का कारण भी बनता है। हर पुरुष का कर्तव्य है कि वह महिलाओं को एक ऐसा माहौल प्रदान करे जहां वे बिना भय के जी सकें।

3.रोल मॉडल बनना: पुरुषों को अपने घरों, कार्यस्थलों और समाज में एक आदर्श रूप में पेश आना चाहिए। उनकी सोच, भाषा और व्यवहार से ही महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा का संदेश फैलता है। बच्चे और युवा पुरुष अपने परिवार में बड़े पुरुषों से सीखते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वे महिलाओं के साथ सम्मानजनक और संवेदनशील व्यवहार करें।

क्या कर सकते हैं पुरुष?

1. महिलाओं की सहायता और समर्थन करें: यदि कोई महिला असुरक्षित महसूस करती है, तो उसकी मदद करें। उसे भरोसा दिलाएं कि आप उसकी सुरक्षा के लिए तत्पर हैं। यह सुरक्षा किसी भी परिस्थिति में हो सकती है – चाहे वह घर, सड़क, या कार्यस्थल हो।

2. असमानता के खिलाफ खड़े हों: जब भी महिलाओं के साथ अन्याय, उत्पीड़न या भेदभाव होता दिखे, तो उसका विरोध करें। चुप्पी अपराधियों को ताकत देती है, इसलिए हर पुरुष को गलत के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

3. महिलाओं को सशक्त बनाएं: पुरुषों को महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी काम करना चाहिए। उन्हें शिक्षा, सुरक्षा और आत्मरक्षा के महत्व को समझने में मदद करें। उनकी स्वतंत्रता का समर्थन करें और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करें ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं है, यह महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का संकल्प लेने का अवसर भी है। इस रक्षाबंधन पर हर पुरुष को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह न केवल अपनी बहन, बल्कि समाज की हर महिला की सुरक्षा और सम्मान का पालन करेगा। यह समाज तभी सुरक्षित और समानता आधारित बन सकता है जब पुरुष इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाएं और महिलाओं की सुरक्षा को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानें।

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