आभूषण देखकर सीता के वियोग में भाव विव्हल हुए राम
डेराबस्सी ( दयानंद /शिवम) सीता हरण के बाद उसकी खोज में भटकते फिर रहे राम लक्ष्मण की मुलाकात किष्किंधा पर्वत पर सुग्रीव से पहले हनुमान जी से हुई। हनुमान जी ने उन्हें सुग्रीव से मिलवाया। सुग्रीव द्वारा जंगलों में मिले आभूषण दिखाने पर प्रभु राम ने पहचान लिया कि वे सीता के आभूषण हैं जो पर्वत पर गिरे थे। यह आभूषण देखकर सीता वियोग में राम भाव विव्हल हो गए। इन कुंडलों बारे जब लक्ष्मण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी निगाह कभी सीता माता के पैरों से ऊपर नहीं गई।
वह तो सिर्फ मां की पैरों के उंगलियों में पहनी चुटकियों की ही पहचान कर सकते हैं। बेहद भावुक दृश्य के साथ उत्तरांचल सभा की श्री रामलीला कमेटी 621 के कलाकारों द्वारा लगातार 20वीं 22वीं रामलीला का मंचन डेराबस्सी नगर परिषद कार्यालय परिसर में पूरे भक्ति भाव, पूर्ण मर्यादा और समर्पण के साथ किया जा रहा है। प्रधान जगदीश सेमवाल और महासचिव हरीश पांडे ने बताया कि लगभग सभी कलाकार गानों के साथ किरदार को निभाते हैं जिससे माहौल और भक्तिमय हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तरांचल सभा के सभी सदस्य बच्चों सहित अपने परिवार के साथ रामलीला देखने आते हैं। इस मौके पर वीर सिंह परिहार, अमीर चंद, बसंत पांडे , बलदेव नेगी, जतिंदर नेगी, भीम सिंह, जगदीश, लखविंदर सिंह, देविंदर नयाल, सोहन, सुखबीर, प्रकाश, एस पी उनियाल, अनसूया प्रसाद डोवाल, एस सी तिवारी,बिहारी लाल नोटियाल, हरिंदर, रवि, प्रताप सिंह मौजूद थे।