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चण्डीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को नोटिस भेजने के मुद्दे को लेकर रेवा का प्रतिनिधिमंडल प्रशासक के सलाहकार से मिला


अधिकतर स्कूल 2009 से पहले से हैं संचालित : कई स्कूल में हैं मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध : कई स्कूलों के पास बिल्डिंग और फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र भी हैं

चण्डीगढ़ : चण्डीगढ़:के ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा की एकमात्र पंजीकृत संस्था रूरल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन यानी कि रेवा के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधान वी.बी.कपिल की अध्यक्षता में प्रशासक के सलाहकार आईएएस राजीव वर्मा से विशेष मुलाकात की। कपिल ने अवगत कराया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से स्टेट ऑफिस, नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड को पत्र जारी करके गांव के स्कूलों को इलीगल और अवैध जमीन पर चल रहा कहा गया है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि अधिकतर स्कूल लीगल और वैध हैं।

कपिल ने विस्तार से बताया कि दो-तीन बार स्कूलों को मान्यता देने का सुझाव जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उच्च अधिकारियों को सहमति के लिए भेजा गया था क्योंकि ये स्कूल निरीक्षण के दौरान उचित पाए गए थे। अब इन्हें गैर कानूनी कहना अनुचित है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की जानकारी देते हुए कहा कि अधिकतर स्कूल 20 वर्षों या उससे भी पहले से संचालित हैं। जिस समय ये स्कूल खोले गए उस समय चंडीगढ़ के गांव पंचायती राज के अंतर्गत थे जिस कारण गांव में कोई भी जगह किसी भी भवन निर्माण के लिए ईयर मार्क नहीं होती थी और कोई भी विभाग ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल के निर्माण हेतु बिल्डिंग प्लान अप्रूव नहीं करता था। उन्होंने कहा कि अब गांव नगर निगम में आने के पश्चात इन्हें उसी दर्जे में गिना जाए जो पंचायत के समय था। यदि कोई स्कूल नगर निगम के होते हुए खुला है तो उस पर वह कार्रवाई कर सकता है। चंडीगढ़ के कई स्कूलों के पास मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिन स्कूलों में कोई कमी पाई जाती है उसे समय देकर पूरा करवाया जा सकता है। अध्यक्ष कपिल ने उम्मीद जताई कि प्रशासन उचित कदम उठाते हुए गांव के स्कूलों को मान्यता प्रदान करने संबधी उचित कदम उठायेगा। प्रशासन के सलाहकार ने रेवा के प्रतिनिधियों की बात को बड़े ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने प्रेजेंटेशन की एक प्रति भी ली। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देते हुए उचित कदम उठाया जाएगा।

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